1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 09 Dec 2025 02:32:44 PM IST
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BIHAR NEWS : छात्रहित और पाठ्यक्रम को समय पर पूरा कराने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने अब शिक्षकों की अनावश्यक छुट्टियों पर सख्ती शुरू कर दी है। जिले के डीईओ ने सभी प्राथमिक, मध्य और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व प्रधान शिक्षकों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि एक ही दिन कई शिक्षकों को अवकाश देने की प्रवृत्ति पर तत्काल विराम लगाया जाए। हाल के निरीक्षणों में सामने आई अनियमितताओं के बाद यह कदम उठाया गया है।
डीईओ के हस्ताक्षर से जारी आदेश पत्र में कहा गया है कि कई विद्यालयों में एक ही दिन आधे से अधिक शिक्षकों को आकस्मिक अवकाश दे दिया जा रहा है, जिससे बच्चों के पठन-पाठन पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करवाना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। यही कारण है कि अवकाश प्रणाली को नियंत्रित करने के लिए नए दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं, जिनका पालन करना सभी स्कूल प्रमुखों के लिए अनिवार्य होगा।
क्या हैं आदेश में दिए गए मुख्य निर्देश?
सबसे पहले यह स्पष्ट किया गया है कि प्राथमिक विद्यालयों के प्रधान शिक्षक एक दिन में अधिकतम एक शिक्षक को ही विशेष या आकस्मिक अवकाश स्वीकृत कर सकेंगे। वहीं, मध्य और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एक दिन में अधिकतम 10 प्रतिशत शिक्षकों को ही अवकाश दे पाएंगे। यदि किसी विशेष परिस्थिति में इस सीमा से अधिक शिक्षकों को छुट्टी देने की जरूरत हो, तो इसके लिए नियंत्री पदाधिकारी से पूर्व अनुमोदन आवश्यक होगा। बिना अनुमति के किसी भी हाल में अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
निर्देशों में यह भी कहा गया है कि सामान्य परिस्थितियों में बिना पूर्व स्वीकृति के अवकाश पर जाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। केवल विशेष आकस्मिक स्थितियों में ही मोबाइल या व्हाट्सऐप के माध्यम से सक्षम प्राधिकारी को तत्काल जानकारी देकर अवकाश लिया जा सकेगा, लेकिन औपचारिक स्वीकृति के लिए कम से कम एक दिन पूर्व आवेदन अनिवार्य है। इसके साथ ही क्षतिपूर्ति अवकाश भी केवल जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), शिक्षा विभाग बांका के अनुमोदन के बाद ही स्वीकृत होगा।
विशेष आकस्मिक अवकाश को लेकर भी विस्तृत दिशानिर्देश दिए गए हैं। यह अवकाश महीने में केवल दो लगातार दिनों के लिए और केवल एक बार ही मान्य होगा। विशेष आकस्मिक अवकाश को सार्वजनिक अवकाश, रविवार और सामान्य आकस्मिक अवकाश के साथ मिलाकर अधिकतम 12 दिनों तक निरंतर अवकाश दिया जा सकता है। हालांकि, स्थानीय निकाय के शिक्षकों को अधिकतम 10 दिनों का संयुक्त अवकाश ही दिया जाएगा।
आदेश के अनुसार किसी भी कैलेंडर वर्ष में शिक्षकों को अधिकतम 16 दिनों का आकस्मिक अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। यदि शिक्षक वर्ष के मध्य में नियुक्त होते हैं, तो उन्हें आकस्मिक अवकाश उनके नियोजन के महीनों के अनुपात में 1.33 दिन प्रति माह की दर से दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक को आकस्मिक अवकाश पंजी का संधारण करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रत्येक शिक्षक के अवकाश का अलग-अलग लेखा सुनिश्चित हो सके।
सबसे महत्वपूर्ण यह कि विशेष आकस्मिक अवकाश को सामान्य आकस्मिक अवकाश पर प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि आकस्मिक अवकाश को किसी भी प्रकार के लंबी अवधि वाले विश्रामावकाश — जैसे ग्रीष्मावकाश, दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ आदि — के साथ जोड़कर नहीं दिया जा सकता।
डीईओ ने आदेश में यह भी चेतावनी दी है कि जो प्रधानाध्यापक या प्रधान शिक्षक इन नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। डीईओ ने कहा कि विद्यालयों में अनावश्यक अवकाश की प्रवृत्ति से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है और बच्चों का शैक्षणिक भविष्य दांव पर लगता है। इसलिए यह आदेश न केवल शिक्षण कार्य को व्यवस्थित और निर्बाध बनाए रखने में सहायक होगा, बल्कि विद्यालयों में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ाएगा। इस नए निर्देश से उम्मीद की जा रही है कि शिक्षकों की उपस्थिति में सुधार होगा और छात्रहित में नियमित शिक्षण-प्रशिक्षण सुचारू रूप से चलता रहेगा।