Constitution Day India: 26 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस, 26 जनवरी को क्यों नहीं? जानिए इसके पीछे का कारण Bihar Politics: RJD से छिना राबड़ी आवास, अब कहां शिफ्ट होगा लालू यादव का परिवार? जानिए पूरी डिटेल Bihar Weather: बिहार में कोल्ड अटैक! अगले चार दिनों तक पारा गिरेगा, कोहरा बढ़ाएगा सर्दी टिन की बोतल में विदेशी शराब: तस्करी के नये-नये हथकंडे अपना रहे धंधेबाज, 96 लीटर बरामद Bihar News: बिहार के AQI में जबरदस्त बढ़ोतरी के बाद IMD का अलर्ट जारी, ठंड में भी तगड़ा इजाफा तेजस्वी के कारण छिन रहा है राबड़ी देवी का बंगला: जानिये 8 साल पहले के फैसले से अब लालू परिवार का हो रहा नुकसान बिहार में जमीन रजिस्ट्री से हटे जमाबंदी नियम: सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खरीद–फरोख्त और म्यूटेशन होगा आसान चौथी बार स्वास्थ्य मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद मंगल पांडेय ने किया ऐलान, कहा..पटना में बनेगा देश का सबसे बड़ा हड्डी अस्पताल पटना: बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ में डायरी का लोकार्पण, कार्यक्रम में 500 से अधिक छात्र-छात्राओं ने लिया भाग बिहार में नई सरकार बनते ही छीन गया तेजप्रताप से बंगला, BJP कोटे के मंत्री को हुआ अलॉट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Mar 2025 08:34:11 PM IST
केंद्र सरकार से मांग - फ़ोटो GOOGLE
PATNA: बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह-वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने 16 वें वित्त आयोग की टीम के साथ उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि ढांचागत विकास, उद्योगों की स्थापना और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से गरीबी दूर करने की गति तेज करने के लिए बिहार को लगभग 1 लाख 59 हजार करोड़ का अनुदान मिलना चाहिए। उन्होंने बिहार के लिए विशेष वित्तीय सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया।
सम्राट चौधरी ने वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया और उनकी टीम का स्वागत करते हुए राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन, चुनौतियों और अपेक्षाओं की चर्चा करते हुए आयोग से अनुरोध किया कि हमारी पंचायती राज संस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए 24206.68 करोड़ और शहरी निकायों के विकास के लिए 35025.77 करोड़ रुपये का अनुदान मिलना चाहिए । उन्होंने कहा कि बिहार की विशिष्ट आवश्यकताओं और विभिन्न क्षेत्रों के विकास हेतु 1,00,079 करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
सम्राट चौधरी ने कहा कि केंद्रीय करों की शुद्ध आय का कम से कम 50 प्रतिशत राज्य सरकारों को आवंटित किया जाए। सेस और सरचार्ज से होने वाली केंद्र सरकार की आय को भी राज्यों के साथ साझा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमित राजकोषीय क्षमता को देखते हुए विकास की चुनौतियों से निपटने के लिए अलग से वित्तीय प्रावधान किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार विस्तृत विचार-विमर्श के बाद जल्द ही वित्त आयोग को अपनी अपेक्षाओं के बारे में ज्ञापन सौंपेगी।