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BIHAR: बिहार में सड़क दुर्घटना में घायल लोगों का 1.5 लाख तक कैशलेस इलाज, नीतीश सरकार ने शुरू की नई योजना

बिहार में अब सड़क दुर्घटना पीड़ितों को अस्पताल में कैशलेस इलाज मिलेगा। केंद्र सरकार की योजना के तहत प्रत्येक घायल को 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। ट्रॉमा अस्पतालों को योजना में शामिल किया जाएगा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 09 Jun 2025 06:20:48 PM IST

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नीतीश सरकार की पहल - फ़ोटो google

PATNA: सड़क दुर्घटना में घायल पीड़ितों का इलाज अब अस्पतालों में कैशलेस होगा। दुर्घटना पीड़ित डेढ़ लाख रुपये तक का ईलाज कैशलेश करा सकेंगे। इसके लिए  केंद्र सरकार द्वारा सड़क दुर्घटना पीड़ितों का नकदी रहित उपचार स्कीम 2025 को अधिसूचित किया है, जिसके तहत नामित अस्पतालों में सात दिनों तक कैशलेश इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। इस योजना को बिहार में लागू कराने के लिए परिवहन विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है।


घायलों को इतने रूपये तक का मुफ्त इलाज

इस योजना के तहत सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले व्यक्ति को दुर्घटना के बाद अधिकतम सात दिनों तक किसी भी नामित अस्पताल में कैशलेस इलाज मिलेगा। इसके लिए सरकार ने पीड़ित प्रति व्यक्ति को डेढ़ लाख रुपये (प्रति व्यक्ति) तक के उपचार को खुद वहन करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए कई सरकारी और निजी अस्पतालों को नामित किया जाएगा, ताकि दुर्घटनाओं में घायल व्यक्ति को इलाज के लिए भटकना नहीं पड़े और समय रहते उनकी जान बचाई जा सके।


सड़क दुर्घटना पीड़ितों की त्वरित इलाज से बच सकती है जान

परिवहन सचिव श्री संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी ने बताया कि सरकार सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की जान बचाने और उन्हें बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इस योजना के लागू होने से सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को समय पर उचित इलाज मिल सकेगा।


योजना में ट्रॉमा और पॉली-ट्रॉमा अस्पताल होंगे शामिल

सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति का इलाज नामित अस्पतालों में होगा। यदि उस नामित अस्पताल के पास पीड़ित के उपचार के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं होंगी तो ऐसे अस्पताल घायलों को अविलम्ब दूसरे अस्पतालों को रेफर कर सकेंगे। इसके लिए अस्पताल की यह बाध्यता होगी कि वह घायल को अन्य बड़े अस्पताल तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराएगा। राज्य सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के तुरंत इलाज के लिए ट्रॉमा और पॉली-ट्रॉमा प्रदान करने में सक्षम सभी अस्पतालों को इस योजना में शामिल करने जा रही है। वैसे अस्पताल जहां दुर्घटना में घायल व्यक्ति के इलाज की समुचित सुविधा नहीं होगी, उन अस्पतालों में पीड़ित का उपचार केवल स्थिरीकरण के लिए किया जाएगा।


नामित अस्पतालों को ऐसे किया जाएगा इलाज के बिल का भुगतान 

इस योजना के कार्यान्वयन के लिए ‘राज्य सड़क सुरक्षा परिषद’ को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ प्राधिकरण नामित अस्पतालों को योजना में शामिल करने और अस्पतालों के बिल का भुगतान के लिए पोर्टल तैयार कर रही है। जिसमें घायलों के इलाज के सम्बन्ध में और अस्पताल के बिल की सारी जानकारी उपलब्ध होगी। घायल व्यक्ति को अस्पताल से छुट्टी देने के बाद नामित अस्पताल अपनी ओर से पोर्टल पर उपचार पैकेज की लागत को अपलोड करेगा। जिसके बाद राज्य स्वास्थ्य अभिकरण सभी दस्तावेजों के साथ भुगतान का दावा प्रस्तुत करेगा। दावा राशि को राज्य स्वास्थ्य अभिकरण की ओर से सत्यापित करने के बाद अस्पतालों के इलाज खर्च का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।