1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 08 Dec 2025 09:58:29 AM IST
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Bihar News: बिहार के गृह विभाग ने निजी सुरक्षा एजेंसियों के नाम में डिटेक्टिव, खुफिया, इंटेलिजेंस, इन्वेस्टिगेशन, सर्विलांस, फैसिलिटी या सप्लायर जैसे शब्द लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन शब्दों वाले नए एजेंसियों को लाइसेंस नहीं मिलेगा, जबकि पूर्व लाइसेंसधारियों के लाइसेंस का नवीकरण भी नहीं किया जाएगा। यह कदम सुरक्षा के नाम पर एजेंसियों द्वारा नाम का दुरुपयोग करने की शिकायतों के मद्देनजर उठाया गया है।
गृह विभाग के अनुसार, निजी सुरक्षा एजेंसियों को पीएसएआरए के तहत केवल सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने का लाइसेंस मिलता है। उनके नाम में ‘डिटेक्टिव’ या ‘सर्विलांस’ जैसे शब्दों का प्रयोग आम जनता में भ्रम पैदा कर सकता है।
सरकार की चिंता है कि सुरक्षा गार्ड लाइसेंसधारी एजेंसियां खुद को सरकारी जांच या खुफिया एजेंसी दिखाकर स्टिंग, निगरानी या अन्य गतिविधियों के नाम पर लोगों की प्राइवेसी और कानूनी सीमाओं का उल्लंघन न करें। केंद्रीय कानून के तहत खुफिया एजेंसी का संचालन करने के लिए अलग से लाइसेंस लेना आवश्यक है। राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में भी राज्य सरकार ने इन शब्दों के उपयोग पर रोक लगा रखी है।
बिहार में निजी सुरक्षा प्रबंधन को लेकर 2025 में नई नियमावली लागू की गई है। गृह विभाग की इस नियमावली में सुरक्षा का कारोबार करने वाली सभी एजेंसियों के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। निजी सुरक्षा गार्ड मुहैया कराने वाली एजेंसियों के लिए इन नियमों का पालन अनिवार्य है और अनुपालन नहीं करने वाली एजेंसियों के खिलाफ विभाग स्तर पर कार्रवाई का प्रावधान भी रखा गया है।