1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Sat, 22 Feb 2025 05:54:15 PM IST
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Bihar Politics: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में दैवीय शक्ति का होना बताया है. इसके बाद राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने कहा है कि यह तो एक पहलू हुआ. दूसरा पहलू अधिक महत्वपूर्ण है. जेडीयू ने कहा है कि नीतीश कुमार का व्यक्तिगत पराक्रम और पुरूषार्थ को देखना ज्यादा महतवपूर्ण है.
लालू यादव ने नागा महायज्ञ करवाया, घर आए तो पता चला CBI चार्जशीट करने निकल गई है
जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बिल्कुल सही बोला कि नीतीश कुमार में दैवीय शक्ति है. हालांकि नीतीश कुमार के व्यक्तित्व का दूसरा पहलू ज्यादा महत्वपूर्ण है, और वह है उनका व्यक्तिगत पराक्रम और पुरुषार्थ. नीतीश कुमार एक ऐसे संतुलित और तर्कशील राजनेता रहे हैं, जिनका धार्मिक कर्मकांडों और ज्योतिषीय मान्यताओं के साथ बहुत ज्यादा लेना-देना नहीं रहा, जिस तरह लालू यादव ने अतार्किकता की हद तक पोंगा-पंथी मान्यताओं में समय बिताया. नीतीश कुमार उसके अपवाद हैं. आज भी लोगों को याद है कि किस तरह चारा घोटाला में फंसने के बाद लालू यादव ने बनारस से एक नागा बाबा को बुलाकर सबलपुर दियारा में नागा महायज्ञ करवाया था.उस यज्ञ में लालू यादव का दूध और गंगाजल से अभिषेक किया गया था.लालू जी ने सपरिवार उस यज्ञ में शिरकत की थी.लेकिन वह यज्ञ भी उनके कोई काम नहीं आया,क्योंकि सबलपुर से लौट कर लालू जब सीएम हाउस पहुंचे और टीवी खोला तो पता चला की सीबीआई चार्जशीट करने के लिए निकल चुकी है.उस दौर में बिहार के दो राजनेता कर्मकांड के लिए और अपनी उंगलियों में ज्योतिषीय अंगूठियां धारण करने के लिए विख्यात थे और संयोग से दोनों ही चारा घोटाला के अभियुक्त थे, एक लालू यादव और दूसरे जगन्नाथ मिश्रा.
नीतीश कुमार एक पढ़े लिखे तर्कशील टेक्नोक्रेट हैं
जेडीयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने आगे कहा कि नीतीश कुमार एक पढ़े लिखे तर्कशील टेक्नोक्रेट हैं . जिनका पारलौकिक मान्यताओं में कभी विश्वास नहीं रहा.नीतीश कुमार ने हमेशा ज्योतिष और कर्मकांड की तुलना में अपने व्यक्तिगत पुरुषार्थ और तर्कशीलता को ज्यादा महत्व दिया.लेकिन एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है की सत्ता में 20 वर्ष तक रहने के बावजूद नीतीश कुमार जी की लोकप्रियता जितनी तेजी से बढ़ रही है, चारों ओर जिस कदर उनकी जय जयकार हो रही है , वह सब ईश्वरीय आशीर्वाद के बिना संभव भी नहीं है । इस अर्थ में दिलीप जायसवाल का कहना बिल्कुल सही है । विरोधियों के लाख आक्रमण के बावजूद चेहरे पर शांति और सौम्य मुस्कान लिए निरंतर बिहार के विकास की धुन में मगन रहना यह सब दैवीय आशीर्वाद का ही प्रतिबिंब है। ऐसे भी जब व्यक्ति के उद्देश्य व्यक्तिमूलक के बजाय समष्टिमूलक होते हैं , स्वकल्याण और परिवार कल्याण के बजाय लोक कल्याण की दिशा में नियोजित होते हैं, तो दैवीय कृपा स्वतः आनी शुरू हो जाती है .