Bihar News: बिहार के हर विश्वविद्यालय में सरकार करेगी यह काम, स्टार्टअप के क्षेत्र में राज्य को बॉस बनाने की तैयारी

Bihar News: बिहार सरकार हर विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक में स्टार्टअप सेल बनाएगी। छात्रों को सीड फंडिंग, मेंटरशिप, इनक्यूबेशन, मार्केटिंग ट्रेनिंग और निवेशकों से जोड़ने की सुविधा भी मिलेगी..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 10 Dec 2025 12:43:28 PM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार सरकार ने अब ठान लिया है कि राज्य के युवाओं को नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनाना है। इस बारे में बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर शिक्षा विभाग और उद्योग विभाग मिलकर हर विश्वविद्यालय, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक में स्टार्टअप सेल स्थापित करने जा रहे हैं। इन सेल्स में छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ उद्यमिता का पूरा प्रशिक्षण, मेंटरशिप, इनक्यूबेशन सपोर्ट और शुरुआती पूंजी दी जाएगी। इसका मकसद है कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाला हर युवा अपना स्टार्टअप शुरू कर सके और रोजगार सृजनकर्ता बने।


उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने इस बारे में बताया है कि स्टार्टअप इकोसिस्टम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। हर संस्थान में ऑफिस स्पेस, तकनीकी सहायता, अनुभवी मेंटर्स और निवेशकों से जोड़ने की व्यवस्था होगी। छात्रों को मैनेजमेंट, मार्केटिंग और फाइनेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी। स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम के तहत केंद्र सरकार से 20 लाख तक का अनुदान भी दिलाया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि बिहार से निकले युवा नौकरी की तलाश करने की जगह खुद उद्यमी बनकर दूसरों को रोजगार दें।


शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया है कि संस्थानों में इनक्यूबेशन सेंटर और नॉलेज हब बनाए जाएंगे, जहां छात्र अपने आइडिया को वास्तविक बिजनेस में बदल सकेंगे। नवाचार, स्किल डेवलपमेंट और नेटवर्किंग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। स्टार्टअप सेल में सफल उद्यमियों और विशेषज्ञों को मेंटर बनाया जाएगा।


बिहार स्टार्टअप पॉलिसी 2022 के तहत पहले से चल रही योजनाओं को अब कॉलेज-विश्वविद्यालय स्तर तक ले जाया जा रहा है। यह योजना बिहार के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होने वाली है। सरकार का मानना है कि जब हर विश्वविद्यालय में स्टार्टअप की संस्कृति विकसित होगी तो पलायन अपने आप रुकेगा और राज्य में उद्योग-धंधों का नया दौर शुरू हो जाएगा।