1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 09 Dec 2025 09:51:09 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार सरकार ने दिव्यांग युवाओं को सिविल सेवाओं की राह में आर्थिक बाधाओं से मुक्ति देने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में कैबिनेट ने मुख्यमंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण छात्र योजना-सम्बल के तहत नई दिव्यांगजन सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है।
इससे पहले यह योजना सिर्फ अन्य श्रेणियों के लिए थी, लेकिन अब पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और सामान्य वर्ग के पुरुष दिव्यांग अभ्यर्थी भी BPSC और UPSC की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर आर्थिक सहायता पा सकेंगे। यह पहल दिव्यांगों को प्रशासनिक सेवाओं में अधिक भागीदारी देने और उनकी आर्थिक चुनौतियों को दूर करने का प्रयास है।
इस योजना के तहत BPSC प्रीलिम्स पास करने वाले दिव्यांग अभ्यर्थी को 50,000 रुपये और UPSC प्रीलिम्स पास करने पर 1,00,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। यह राशि मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी के लिए दी जाएगी, ताकि अभ्यर्थी बिना किसी आर्थिक तंगी के आगे बढ़ सकें। महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रोत्साहन राशि सिर्फ एक बार मिलेगी, भले ही अभ्यर्थी दोनों परीक्षाओं को पास कर ले। समाज कल्याण विभाग के अनुसार यह योजना समावेशी विकास का प्रतीक बनेगी और दिव्यांग युवाओं को सशक्त बनाएगी।
पात्रता के मानदंड सख्त लेकिन स्पष्ट हैं। अभ्यर्थी बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए, 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता प्रमाणित होनी चाहिए और कोई सरकारी नौकरी में कार्यरत न हो। पिछड़ा, EWS या सामान्य वर्ग का प्रमाण-पत्र अनिवार्य है। योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन जल्द ही शुरू होगा, जिसमें फोटो, सिग्नेचर, आधार कार्ड, जाति/कोटि प्रमाण-पत्र, दिव्यांगता प्रमाण-पत्र, UDID कार्ड, परीक्षा एडमिट कार्ड और दस्तावेजों की कॉपी जमा करनी होगी। विभाग ने सभी पात्र दिव्यांग युवाओं से अपील की है कि वे समय पर आवेदन करें।
यह योजना दिव्यांगों के सपनों को पंख देगी और बिहार को अधिक समावेशी राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। पहले से ही EBC और BC वर्ग के अभ्यर्थियों को मिल रही सहायता को मजबूत करते हुए यह कदम सामाजिक न्याय की नींव रखेगा। उम्मीद है कि इससे राज्य में सिविल सेवाओं में दिव्यांग प्रतिनिधित्व बढ़ेगा।