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1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Fri, 25 Apr 2025 05:19:04 PM IST
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Bihar News: नीतीश कुमार के सुशासन राज में मद्य निषेध विभाग का हाल बेहद खराब है. एक तरफ विभाग के अधिकारी-कर्मी शराब माफियाओं से मिले हुए हैं, बाकी का कसर बड़े-बडे हाकिम पूरी कर दे रहे. अधीक्षक वाली कुर्सी पर जूनियर अधिकारी (इंस्पेक्टर) को बिठाने का खेल चल रहा है. 1st Bihar/jharkahnd ने इस मुद्दे को उठाया. इसके बाद बिहार विधानसभा के बजट सत्र में यह मुद्दा उठा. सरकार की भारी फजीहत हुई तो दिखावे के लिए एक जिले में जहां इस्पेक्टर को अधीक्षक का प्रभार दिया गया था, वहां स्थाई अधीक्षक की पोस्टिंग की गई है. बाकी तीन जिलों में आज भी इंस्पेक्टर को ही अधीक्षक की कुर्सी पर बिठाए रखा गया है.
बक्सर में नए अधीक्षक की पोस्टिंग,बाकी तीन जिलों में कब ?
मद्य निषेध विभाग ने बक्सर जिले में नए अधीक्षक की पोस्टिंग की है. इस संबंध में 15 अप्रैल को ही पत्र जारी किया गया. पदस्थापन की प्रतीक्षा में रहे अधीक्षक अशरफ जमाल को बक्सर का उत्पाद अधीक्षक बनाया गया है. सरकार के संयुक्त सचिव संजय कुमार की तरफ से पदस्थापन का यह पत्र जारी किया गया. अशरफ जमाल को तत्काल प्रभार ग्रहण करने का आदेश दिया गया. बता दें, 2024 में बक्सर के तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक शराब माफियाओं से माल कमाने में फंसे थे. बक्सर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस अधीक्षक बक्सर द्वारा तत्कालीन उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक के खिलाफ दर्ज केस को सत्य करार देते हुए गिरफ्तारी के आदेश दिए थे. इसके बाद से अधीक्षक फरार हो गए थे. काफी फजीहत होने के बाद विभाग ने आरोपी अधीक्षक को सस्पेंड किया था.तभी से उस जिले में इंस्पेक्टर ही अधीक्षक का काम देख रहे थे. अब जाकर वहां अधीक्षक की पोस्टिंग की गई है.
सिवान-कैमूर में अभी भी इंस्पेक्टर राज
विभाग ने बक्सर जिले में अधीक्षक की पोस्टिंग तो कर दिया, पर आज भी दो बेहद संवेदनशील जिला सिवान और कैमूर को इस्पेक्टर के हवाले छोड़ दिया गया है. आज भी इन दो जिलों में इंस्पेक्टर ही अधीक्षक का काम देख रहे हैं. शेखपुरा जिले में भी इंस्पेक्टर को ही प्रभारी अधीक्षक बनाकर रखा गया है. सिवान और कैमूर जैसे जिले में इंस्पेक्टर को बिठाने के पीछे मद्य निषेध विभाग की क्या मजबूरी है यह विभाग के बड़े अधिकारी ही बता सकते हैं. चर्चा है कि अधीक्षक की बजाय इंस्पेक्टर को जिला चलाने का जिम्मा देने के पीछे बड़ा राज छुपा हुआ है. इस राज को विभाग के अन्य अधिकारी-कर्मी समझ रहे हैं.