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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 12 Jul 2025 08:19:50 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो चुकी है और 2025 की पहली छमाही की एक रिपोर्ट ने इसे और स्पष्ट कर दिया है। बेंगलुरु स्थित सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर ने देश के टॉप 10 प्रदूषित शहरों की सूची जारी की है, जिसमें बिहार के चार शहर हाजीपुर, सासाराम, पटना और राजगीर शामिल हैं। सीआरईए के अनुसार हाजीपुर देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर है, जहां पीएम 2.5 का स्तर 85 µg/m³ दर्ज किया गया है। इस दौरान हाजीपुर में केवल 13 दिन वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही और एक दिन तो गंभीर स्तर तक पहुंच गई थी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि सासाराम, पटना और राजगीर में पीएम 2.5 का स्तर क्रमशः 69 µg/m³, 68 µg/m³, और 65 µg/m³ रहा। जो भारतीय मानकों (40 µg/m³) से कहीं अधिक है। सीआरईए ने यह डेटा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट से लिया है और दावा किया है कि 2025 की पहली छमाही में 122 शहर भारतीय मानकों के अनुसार प्रदूषित रहे, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों (5 µg/m³) के हिसाब से 239 शहर प्रदूषित पाए गए। असम-मेघालय सीमा पर स्थित ब्यर्नीहाट देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा और दिल्ली दूसरे स्थान पर है।
हालांकि, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सीआरईए की इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। बोर्ड के एक अधिकारी ने इसे निजी एजेंसी की गलत और फर्जी रिपोर्ट करार दिया है। बीएसपीसीबी का कहना है कि बिहार में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं, जैसे निर्माण कार्यों में ग्रीन कवर का उपयोग, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और फसल अवशेष जलाने पर रोक। फिर भी, हाजीपुर, सासाराम, पटना और राजगीर में वायु गुणवत्ता की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
सीआरईए की रिपोर्ट ने यह भी उजागर किया कि बिहार के 18 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जबकि छह शहरों में मध्यम स्तर की रही। हाजीपुर में प्रदूषण का मुख्य स्रोत पीएम 2.5 है, जो फेफड़ों और रक्तप्रवाह में प्रवेश कर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है।