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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 22 May 2025 07:44:22 AM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar News: बिहार में औद्योगिक विकास की नई लहर शुरू हो रही है, जिसमें टेक्सटाइल, लेदर, प्लास्टिक और मशीनरी क्षेत्रों में 644 नई फैक्ट्रियों को उद्योग विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मंजूरी दी है। इन इकाइयों पर 37,202 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे 55,000 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इस महत्वाकांक्षी योजना में 420 इकाइयों को स्टेज-1 (34,460.48 करोड़ रुपये) और 244 इकाइयों को स्टेज-2 (2,741.52 करोड़ रुपये) की स्वीकृति दी गई है।
स्टेज-1 में उत्पाद, स्थान, रोजगार, पर्यावरण अनापत्ति प्रमाणपत्र जैसे पहलुओं पर विचार होता है, जबकि स्टेज-2 में वित्तीय मंजूरी और सरकारी छूट शामिल हैं। इसके लिए जमीन आवंटन, पर्यावरण एनओसी और मार्केटिंग रणनीतियों पर काम शुरू हो चुका है। बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए पांच एक्सटेंशन सेंटर स्थापित करने की योजना है, जिनमें पटना में एक सेंटर पहले से कार्यरत है।
मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, राजगीर और सारण में नए सेंटर जल्द शुरू होंगे, जो तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं प्रदान करेंगे। पिछले दो वर्षों में बिहार में 2,312 छोटे-बड़े उद्योग स्थापित हुए हैं, जिनमें जूता, बैग, मसाला, कागज के प्लेट, चिप्स, बिस्किट, कपड़ा और कृषि मशीनरी निर्माण शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2,154 यूनिट्स पर 11,552 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि 2024-25 में अब तक 157 यूनिट्स पर 2,515 करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है।
बता दें कि, बिहार का औद्योगिक माहौल अब निवेशकों को भी आकर्षित कर रहा है। हाल ही में पटना में 19-20 मई 2025 को आयोजित अंतरराष्ट्रीय रिवर्स बायर-सेलर मीट में 20 देशों के 70 से अधिक अंतरराष्ट्रीय खरीदारों और 50 से ज्यादा देशी खरीदारों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में पश्चिम अफ्रीका ने सत्तू, सिंगापुर ने लीची और आम, जबकि यूएई के लुलु ग्रुप ने लीची के निर्यात के लिए समझौता किया।
एयरलाइंस और रेलवे कैटरिंग में मखाना, चावल, दाल और मसालों की आपूर्ति की सहमति भी बनी। उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने बताया कि बिजनेस मीट में 1.80 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए कंपनियां तैयार हुई हैं। 2024-25 में 243 इकाइयों को 4,646.57 करोड़ रुपये की स्टेज-1 स्वीकृति मिली, जिसमें जेके सीमेंट, ब्रिटानिया और पिनाक्ष स्टील जैसी कंपनियां शामिल हैं।
वहीं, वैशाली के गोरौल में टेक्सटाइल यूनिट की स्थापना से सैकड़ों महिलाओं को रोजगार मिलेगा। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने दावा किया है कि बिहार जल्द टेक्सटाइल हब बनेगा, जिसमें दो जिले पहले ही इस दिशा में आगे बढ़ चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार की नई औद्योगिक नीतियां, जैसे बिहार टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी 2022, और उद्यमी योजनाएं निवेशकों का भरोसा बढ़ा रही हैं। हालांकि, जमीन आवंटन और पर्यावरण मंजूरी जैसे मुद्दों को समयबद्ध तरीके से हल करना होगा ताकि ये फैक्ट्रियां जल्द शुरू हो सकें।