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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 12 Oct 2025 07:54:50 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: मुजफ्फरपुर-हाजीपुर बाइपास का 13 साल से चल रहा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया। शनिवार को इस बाइपास को आम यातायात के लिए खोल दिया गया, जिसके बाद से इस मार्ग पर गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई। 17 किलोमीटर लंबे इस बाइपास के शुरू हो जाने से मुजफ्फरपुर शहर के भीतर से गुजरने वाले भारी वाहनों से होने वाले जाम से बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, उत्तर बिहार से पटना और नेपाल तक पहुंचना अब पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। अब यात्रियों को शहर के व्यस्त चांदनी चौक, रामदयालु और मधौल जैसे इलाकों में ट्रैफिक जाम में नहीं फंसना पड़ेगा।
यह बाइपास राष्ट्रीय राजमार्ग 22 (NH-22) का हिस्सा है, जिसका निर्माण कार्य विभिन्न कारणों से पिछले 13 वर्षों से लंबित था। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद निर्माण कार्य दोबारा शुरू हुआ और अंततः इसे पूरा कर आम जनता के लिए खोल दिया गया। करीब 200 करोड़ रुपये की लागत से बने इस बाइपास में 66 अंडरपास, चार माइनर ब्रिज और एक रेलवे ओवरब्रिज (ROB) का निर्माण किया गया है। अंडरपास के जरिए आसपास के ग्रामीण इलाकों को जोड़ा गया है, जिससे ग्रामीणों को भी निर्बाध आवागमन की सुविधा मिल सके।
एनएचएआई पटना प्रमंडल के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि बाइपास का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया गया है ताकि भविष्य में इसकी टिकाऊ क्षमता बनी रहे। शनिवार सुबह से ही एनएचएआई के अधिकारी और निर्माण कंपनी के वरीय अधिकारी नवनिर्मित कपरपुरा आरओबी के पास मौजूद रहे। परियोजना सलाहकार अजय कुमार सिन्हा ने पहाड़पुर छोर पर पहुंचकर बैरिकेडिंग हटाने और सड़क की साफ-सफाई का निरीक्षण किया।
बाइपास खुलने के बाद लोगों में खुशी का माहौल है। चकिया से पटना जा रहे निशांत कुमार ने बताया कि अब उन्हें चांदनी चौक से रामदयालु तक लगने वाले जाम में फंसना नहीं पड़ेगा, जिससे समय की काफी बचत होगी। वहीं, पूर्णिया से आरा जा रहे ट्रक चालक लखन साह ने बताया कि अब वे छपरा होते हुए आरा कम समय में पहुंच जाएंगे और शहर के ट्रैफिक से राहत मिलेगी।
परियोजना सलाहकार ने बताया कि मूल रूप से बाइपास को एनएच-27 से जोड़कर खोलने की योजना थी, लेकिन लोगों की परेशानी को देखते हुए इसे पहले ही चालू कर दिया गया है। एनएच-27 से जोड़ने का काम एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद वाहनों को यू-टर्न नहीं लेना पड़ेगा। साथ ही, इस जंक्शन पर ट्रैफिक पुलिस की स्थायी तैनाती का निर्णय लिया गया है।
हालांकि बाइपास खोले जाने के दौरान पहाड़पुर और मधौल मोड़ पर यातायात पुलिस की तैनाती की घोषणा की गई थी, लेकिन शनिवार शाम तक वहां कोई पुलिसकर्मी नजर नहीं आया। इससे चालक मनमाने ढंग से तेज गति से गाड़ियां चलाते हुए देखे गए, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है।
डीएम के निर्देश पर डीटीओ कुमार सतेंद्र यादव, ट्रैफिक डीएसपी और एसडीओ की टीम ने बाइपास का सुरक्षा ऑडिट किया है। ऑडिट में लगभग एक दर्जन खतरनाक स्थानों की पहचान की गई है, जहां दुर्घटनाएं रोकने के लिए ब्रेकर और रंबल स्ट्रिप लगाए जाएंगे। इसके अलावा तीन स्थानों पर रोड मार्किंग और साइनेज का कार्य भी पूरा किया जा रहा है। डीटीओ ने बताया कि सर्वे पूरा कर लिया गया है और सभी सुरक्षा उपकरण जल्द लगाए जाएंगे।
ट्रैफिक डीएसपी ने बताया कि बाइपास पर मधौल मोड़, पहाड़पुर छोर और दरभंगा मोड़ पर स्थायी रूप से ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही वाहनों की गति नियंत्रित करने के लिए तीनों स्थानों पर ट्रॉली लगाई गई है ताकि मोड़ पर दुर्घटना की संभावना कम की जा सके। फोरलेन कट के पास अधिक दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर बनाए जाने की अनुशंसा भी की गई है।