Bihar cold wave : बिहार में कड़ाके की ठंड का कहर: पछुआ हवा ने बढ़ाई शीतलहर जैसी स्थिति, कई जिलों में तापमान सीजन के न्यूनतम स्तर पर

बिहार में ठंड लगातार बढ़ रही है। पछुआ हवा की तेज रफ्तार से कई जिलों में न्यूनतम तापमान सीजन के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। सुबह और रात में तेज ठिठुरन से लोग बेहाल हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 07 Dec 2025 07:05:27 AM IST

Bihar cold wave : बिहार में कड़ाके की ठंड का कहर: पछुआ हवा ने बढ़ाई शीतलहर जैसी स्थिति, कई जिलों में तापमान सीजन के न्यूनतम स्तर पर

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Bihar cold wave : बिहार में ठंड का असर लगातार गहराता जा रहा है। मौसम में बदलाव के साथ-साथ पछुआ हवा की रफ्तार बढ़ने से न्यूनतम तापमान में तीव्र गिरावट दर्ज की जा रही है। प्रदेश के अधिकतर जिलों में तापमान सामान्य से काफी नीचे पहुंच गया है, जिसके कारण सुबह और रात के समय लोग ठिठुरने को मजबूर हैं। मौसम विज्ञान विभाग ने चेतावनी देते हुए बताया है कि अगले कुछ दिन राज्य के लिए और भी सर्द साबित हो सकते हैं, क्योंकि पछुआ हवा की गति 20 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की संभावना है, जो तापमान को और नीचे ले जा सकती है।


पिछले 24 घंटों के आंकड़ों पर नजर डालें तो औरंगाबाद सबसे अधिक प्रभावित जिलों में शामिल रहा, जहां न्यूनतम तापमान गिरकर लगभग 7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह इस सीजन का अब तक का सबसे निचला तापमान है। गया, नवादा, शेखपुरा, कैमूर, रोहतास समेत करीब आठ जिलों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इन क्षेत्रों में पिछले एक दिन में ही तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट देखने को मिली है, जो साफ संकेत है कि ठंड ने अब तेज़ी से दस्तक दे दी है।


राजधानी पटना में भी ठंड का असर तेजी से बढ़ा है। सुबह और देर रात चलने वाली ठंडी हवा के कारण लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। अस्पतालों में भी ठंड से जुड़ी बीमारियों—जैसे सर्दी, खांसी, बुखार और जोड़ों के दर्द—के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। वहीं स्कूल-कॉलेज जाने वाले बच्चों और कामकाजी लोगों को कड़ाके की ठंड बड़ी चुनौती दे रही है। सुबह के समय सड़कों पर धुंध और तेज पछुआ हवा का असर साफ दिखाई दे रहा है।


मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों में बिहार के ज्यादातर जिलों में न्यूनतम तापमान 7 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। वहीं अधिकतम तापमान 24 से 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि दोपहर के समय हल्की धूप लोगों को कुछ राहत दे सकती है, लेकिन हवा में घुली ठंडक की वजह से दिन में भी ठिठुरन कम नहीं होगी। यानी धूप निकलने के बावजूद ठंड का असर जारी रहेगा।


राज्य के मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पछुआ हवा की रफ्तार इस समय सामान्य से अधिक है। यही कारण है कि तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। पश्चिम से आने वाली इन हवाओं में नमी कम होती है, जिससे वातावरण और अधिक ठंडा हो जाता है। इसके अलावा, गंगा के मैदानी इलाकों में नमी और पाला जमने की संभावना भी बढ़ गई है, जिसके कारण सुबह-सुबह घना कोहरा भी छा सकता है।


ग्रामीण क्षेत्रों में भी ठंड का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। खेतों में काम करने वाले किसानों के लिए सुबह और शाम के समय काम करना काफी मुश्किल हो गया है। कई जगहों पर किसान दिन के समय ही खेतों में काम निपटाने को प्राथमिकता दे रहे हैं, ताकि ठंड के कारण होने वाली परेशानी से बचा जा सके। सुबह की पहली किरण निकलने से पहले घरों में अलाव जलाने की परंपरा भी फिर से शुरू हो गई है, लेकिन हवा की तेज़ रफ्तार के चलते अलाव भी देर तक राहत नहीं दे पा रहे हैं।


इस बीच प्रशासन ने भी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। स्वास्थ्य विभाग ने ठंड से बचाव के लिए बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। विभाग का कहना है कि रात में बाहर निकलने से पहले पर्याप्त गर्म कपड़ों का उपयोग करें और सुबह के समय कोहरे के बीच वाहन चलाते समय सतर्कता बरतें।


मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, राज्य में अगले 48 घंटे शीतलहर जैसे हालात ला सकते हैं। कई जिलों में न्यूनतम तापमान और गिर सकता है, जबकि अधिकतम तापमान में भी हल्की कमी देखने को मिल सकती है। विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि इस बदलाव का असर अगले एक सप्ताह तक रहने की संभावना है।


कुल मिलाकर बिहार इस समय ठंड की मार झेल रहा है। पछुआ हवा और गिरते तापमान ने आम लोगों की दिनचर्या को प्रभावित कर दिया है। आने वाले दिनों में मौसम और सख्त हो सकता है, इसलिए सावधानी बरतते हुए ठंड से बचाव करना ही समझदारी होगी।