Bihar News: बिहार के सभी ग्राम पंचायतों में खुलेंगे "जीविका दीदी बैंक", नीतीश सरकार का बड़ा फैसला

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जीविका दीदियां सुर्खियों में रहीं। चुनाव के दौरान उन्हें दी जा रही राशि के कारण NDA को अधिक वोट मिलने की चर्चा भी हुई थी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Dec 2025 12:17:22 PM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जीविका दीदियां सुर्खियों में रहीं। चुनाव के दौरान उन्हें दी जा रही राशि के कारण NDA को अधिक वोट मिलने की चर्चा भी हुई थी। इस बार हाजीपुर के दौलतपुर में आयोजित रोजगार मेले में ग्रामीण विकास और परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए जीविका की उपलब्धियों और महिलाओं के स्वरोजगार पर जोर दिया।


दरअसल, मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि बिहार में जीविका योजना की शुरुआत विश्व बैंक से लिए गए कर्ज के माध्यम से की गई थी। इसका उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था। आज बिहार में लगभग 1.4 करोड़ जीविका दीदियां स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही हैं। श्रवण कुमार ने यह भी कहा कि जीविका से जुड़ी सभी महिलाएं चाहे किसी भी जाति, धर्म, इलाके या गाँव की हों, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि भविष्य में और अधिक प्रयास किए जाएंगे ताकि महिलाओं को स्वरोजगार में आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।


वहीं, मंत्री ने यह भी घोषणा की कि जीविका दीदियों के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में विशेष बैंक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वर्तमान में जीविका दीदियां बैंक में केवल 2,000 रुपये जमा करने जाती हैं और सुबह 11 बजे तक लाइन लग जाती है, जिससे उनका पूरा दिन प्रभावित होता है। नई व्यवस्था में विशेष बैंक से आर्थिक सहायता देने के साथ-साथ जमा और लेन-देन का काम सुगमता से किया जाएगा।


सरकार और जीविका के संयुक्त प्रयासों से दीदियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल के तहत महिलाएं हर क्षेत्र में व्यावसायिक और सामाजिक तरक्की कर सकेंगी। रोजगार मेले और स्वरोजगार कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और व्यवसायिक मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। आने वाले वर्षों में सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जीविका दीदियों की संख्या और उनकी आर्थिक भागीदारी में वृद्धि हो, जिससे बिहार में महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।