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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 27 Nov 2025 08:57:30 AM IST
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JEEVIKA didi : बिहार में महिला सशक्तिकरण और रोजगार के क्षेत्र में एक नई पहल की गई है। नीतीश सरकार ने राज्य की जीविका दीदियों को पिंक बसों में ड्राइवर और कंडक्टर बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए इच्छुक जीविका दीदियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि वे महिलाओं के लिए चलाई जा रही पिंक बसों में सेवाएं दे सकें। इस पहल का उद्देश्य न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है, बल्कि जीविका दीदियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोलना है।
आवेदन प्रक्रिया और समयसीमा
बिहार सरकार ने इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इच्छुक जीविका दीदियां या अन्य महिलाएं 15 दिसंबर तक आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के लिए न्यूनतम योग्यता आठवीं पास होना आवश्यक है। हालांकि, नियोजन के दौरान 9वीं और 10वीं पास उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रशिक्षण और नियुक्ति की प्रक्रिया
पिंक बसों में ड्राइवर और कंडक्टर बनने के लिए चयनित उम्मीदवारों को पहले पटना या औरंगाबाद स्थित हैवी मोटर व्हीकल प्रशिक्षण संस्थान (Institute of Driving Training & Research - IDTR) में ट्रेनिंग दी जाएगी। इस प्रशिक्षण में सफल होने के बाद, महिलाओं को बिहार राज्य पथ परिवहन निगम (BSPTCL) द्वारा संचालित पिंक बसों में संविदा आधारित नियुक्ति दी जाएगी। ट्रेनिंग के बाद, जिन महिलाओं के पास एचएमवी (Heavy Motor Vehicle) लाइसेंस होगा, उन्हें बस चलाने का अधिकार और कंडक्टर की जिम्मेदारी दी जाएगी।
पिंक बस परियोजना का महत्व
बिहार की राजधानी पटना समेत कई शहरों में महिलाओं के लिए विशेष पिंक बसों का संचालन किया जा रहा है। इस बस सेवा का मुख्य उद्देश्य महिला यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करना है। नियम के अनुसार इन बसों में ड्राइवर और कंडक्टर भी महिलाएं ही होंगी।
सरकार की यह पहल इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि शुरुआत में पिंक बसों के लिए महिला ड्राइवर और कंडक्टर उपलब्ध नहीं थे। इसके चलते बस संचालन में कई बार चुनौती का सामना करना पड़ा। अब सरकार द्वारा यह कदम उठाकर, महिलाओं को ड्राइविंग और कंडक्टर बनने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सरकारी दृष्टिकोण और लाभ
बिहार के परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने विभागीय समीक्षा बैठक में बताया कि जीविका दीदियों को पिंक बसों में ड्राइवर और कंडक्टर बनाने से न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उन्हें स्थायी और संविदा आधारित रोजगार भी मिलेगा। मंत्री ने कहा कि यह पहल राज्य सरकार की महिला केंद्रित नीतियों का हिस्सा है, और इसका लक्ष्य महिलाओं के लिए रोजगार के नए दरवाजे खोलना है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना से संबंधित सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर प्रशिक्षण और नियुक्ति की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाएगा। इच्छुक उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के दौरान तकनीकी कौशल, यातायात नियम, वाहन संचालन और ग्राहक सेवा जैसी जानकारियों में दक्ष बनाया जाएगा।
पिंक बस सेवा की विशेषताएं
पिंक बस सेवा का मुख्य उद्देश्य महिला यात्रियों को सुरक्षित यात्रा प्रदान करना है। पिंक बसों में केवल महिला यात्री यात्रा कर सकती हैं, और ड्राइवर-कंडक्टर भी महिलाएं ही होंगी। यह सेवा विशेष रूप से उन शहरों में चलायी जा रही है जहां सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा को लेकर महिलाओं में चिंता अधिक है।
सरकार ने इस योजना के माध्यम से न केवल महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बनाए हैं, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी कदम उठाया है। इससे यह संदेश भी जाता है कि महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रखा जाना चाहिए और उन्हें हर प्रकार के पेशेवर अवसरों में समान अवसर मिलना चाहिए।
भविष्य में इस योजना को और विस्तारित किया जा सकता है। जैसे-जैसे अधिक महिलाएं ड्राइविंग और कंडक्टर बनने के लिए प्रशिक्षित होंगी, पिंक बस सेवा और अधिक शहरों में शुरू की जा सकती है। यह पहल बिहार सरकार की महिलाओं के लिए समर्पित योजनाओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
नीतीश सरकार की यह पहल बिहार में महिलाओं के लिए रोजगार, सुरक्षा और सशक्तिकरण का नया अध्याय खोल रही है। जीविका दीदियों को पिंक बसों में ड्राइवर और कंडक्टर बनाने से राज्य में महिला रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और महिलाओं की सार्वजनिक परिवहन में भागीदारी सुनिश्चित होगी। 15 दिसंबर तक आवेदन प्रक्रिया चलने के कारण इच्छुक जीविका दीदियों के पास इस अवसर का लाभ उठाने का पर्याप्त समय है।