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Bihar Flood: बिहार में बाढ़-बारिश से मुश्किल में पड़ी लाखों की आबादी, सैकड़ों गांव हुए जलमग्न

Bihar Flood: बिहार में बाढ़ का कहर.. 7 जिलों के 600 से अधिक गांव जलमग्न, 8 लाख लोग प्रभावित। गंगा, कोसी और पुनपुन नदियां उफान पर। NDRF-SDRF टीमें राहत कार्य में लगीं..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 26 Aug 2025 01:36:20 PM IST

Bihar Flood

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar Flood: बिहार में मानसून की बेरहमी ने एक बार फिर से लोगों को गहरी चोट दे दी है। 24 अगस्त से कई जिलों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने छोटी-बड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है, जिससे सात जिलों में करीब आठ लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं। भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, लखीसराय, भोजपुर, वैशाली और मधेपुरा जैसे जिलों में 600 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। जबकि सबसे ज्यादा तबाही कटिहार में हुई है, यहां 456 गांवों के 5.43 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। नेपाल में भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा, कोसी और पुनपुन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने सोमवार को आधिकारिक बयान जारी कर स्थिति की गंभीरता बताई और राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं।


इस बाढ़ ने न केवल घर-बार उजाड़ दिया है बल्कि फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। कटिहार और मधेपुरा जैसे जिलों में धान की फसल पूरी तरह डूब गई है, जबकि भोजपुर और वैशाली में नदियों के किनारे बसे गांवों में लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। गंगा नदी का जलस्तर पटना, भागलपुर और भोजपुर में खतरे के निशान को पार कर चुका है, जबकि कोसी नदी खगड़िया और कटिहार में उफान पर है। नेपाल से आने वाले पानी ने स्थिति को और जटिल बना दिया है क्योंकि बिरपुर बैराज से 5.79 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है जो 56 वर्षों में सबसे ज्यादा है। बिहार के जल संसाधन विभाग ने सभी जिलों में नदियों के तटबंधों पर नजर रखने के लिए इंजीनियरों की टीमें तैनात की हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर राहत कार्यों की समीक्षा की और जिलाधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।


राहत और बचाव कार्यों के लिए बिहार सरकार ने तुरंत कदम उठाते हुए नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स की कुल 27 टीमें प्रभावित जिलों में तैनात कर दी हैं। इन टीमों ने हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है और राहत शिविरों में भोजन, दवाइयां और जरूरी सामग्री वितरित की जा रही है। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि स्थिति बिगड़ने पर और अधिक राहत शिविर तथा सामुदायिक रसोई स्थापित की जाएं। कटिहार और भागलपुर में नावों के जरिए बचाव कार्य चल रहे हैं, जबकि खगड़िया में तटबंधों की मरम्मत तेज कर दी गई है। UNICEF और अन्य संगठनों ने भी राहत सामग्री भेजना शुरू कर दिया है ताकि प्रभावित परिवारों को तत्काल मदद मिल सके।


मौसम विभाग ने बिहार की मुसीबत को और बढ़ाने वाली चेतावनी जारी की है। कहा जा रहा है कि अगले 4-5 दिनों तक राज्य के ज्यादातर जिलों में तेज हवाएं, बिजली गिरने के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट है। 27 अगस्त के बाद बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर एरिया बनने से 28-29 अगस्त को फिर से भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है, जिससे नदियों का जलस्तर और बढ़ेगा। विभाग ने लोगों से खुले स्थानों से बचने और तटबंधों के पास न जाने की सलाह दी है। सरकार ने केंद्र से अतिरिक्त सहायता मांगी है और उम्मीद है कि आने वाले समय में संयुक्त प्रयासों से जल्द राहत मिलेगी।