PATNA METRO : पटना मेट्रो अपडेट: मात्र 20 मिनट में पूरी होगी आपकी यात्रा, जानिए टाइमिंग और किराया Bihar News: UPI फ्रॉड में लिप्त साइबर ठगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, गिरोह की तलाश जारी Bihar Scholarship Scheme : 10 लाख छात्राओं को मिलेगा प्रोत्साहन राशि का लाभ, जल्द खातों में पहुंचेगा पैसा Mahila Rojgar Yojana: महिला रोजगार योजना: शहरी महिलाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू, जानें नियम और लाभ Bihar Crime News: बिहार में जमीन विवाद बना खूनी संघर्ष, खेत के पास युवक को गोलियों से भूना Bihar News: सीतिश हत्याकांड पर आक्रोश, शव बरामद नहीं होने से लोगों में नाराजगी; पुलिस पर लापरवाही का आरोप Bihar News: पटना में पुलिस दारोगा का कारनामा, चेकिंग के दौरान बरामद 20 लाख रुपए गायब कर दिए Bihar Teacher News: छह लाख शिक्षकों की वरीयता पर बड़ा फैसला, शिक्षा विभाग ने गठित की समिति अजय सिंह की योजना से पकड़ी पंचायत से 150 श्रद्धालु अयोध्या दर्शन को रवाना EOU की बड़ी कार्रवाई: आधार फर्जीवाड़े मामले में मधेपुरा से 3 साइबर अपराधी गिरफ्तार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 02 Jul 2025 04:02:47 PM IST
पटना DPO ने कोर्ट के आदेश को दिखाया ठेंगा - फ़ोटो GOOGLE
PATNA: बिहार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के कारनामे हर रोज सामने आते रहे हैं. लेकिन पटना में सरकार के नाक तले एक डीपीओ ने हाईकोर्ट से लेकर जिलाधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखा दिया. पटना में शिक्षा विभाग की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने हाईकोर्ट के आदेश को मानने से इंकार कर दिया है. डीएम ने दो दफे पत्र लिखकर डीपीओ से हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा. लेकिन डीपीओ ने डीएम के पत्र का भी नोटिस नहीं लिया है.
जानिये क्या है पूरा मामला?
मामला पटना के गर्दनीबाग स्थित एक निजी स्कूल का है. गर्दनीबाग में अवस्थित सेंट पॉल्स इंटरनेशल स्कूल को लेकर स्कूल बिल्डिंग की मालकिन ने शिक्षा विभाग में शिकायत की थी. इसके बाद पटना के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने स्कूल को जारी अनापत्ति प्रमाण-पत्र को रद्द कर दिया औऱ स्कूल को बंद करने का आदेश दिया.
स्कूल के संचालक दानिश आबदीन ने बताया कि पटना के जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के स्कूल बंद करने के सरकारी फैसले को उन्होंने पटना उच्च न्यायालय, पटना में रिट याचिका दायर कर चुनौती दी थी. लेकिन हाईकोर्ट में ग्रीष्मावकाश होने के कारण उस पर सुनवाई नहीं हो पायी थी.
डीपीओ ने मार दिया स्कूल में ताला
दानिश आबदीन ने बताया कि स्कूल बंद करने के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट याचिका लंबित थी. लेकिन इसी बीच पटना की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सह प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी ने नियम कानून की धज्जियां उड़ा कर स्कूल की बिल्डिंग को 14 जून को सील कर दिया. जबकि कानून में शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी को स्कूल की बिल्डिंग सील करने का कोई अधिकार नहीं है.
सेंट पॉल्स स्कूल के संचालक दानिश आबदीन ने बताया कि स्कूल बिल्डिंग को सील करने के सरकारी मनमानी के खिलाफ उन्होंने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की. उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने 19 जून को ये आदेश दिया था कि 25 जून से पहले स्कूल की बिल्डिंग से सील हटा लिया जाये. दानिश आबदीन ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने तत्काल कोर्ट के आर्डर की कॉपी के साथ जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, पटना से संपर्क कर विद्यालय परिसर को सील मुक्त करने का अनुरोध किया.
डीपीओ ने कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाया
स्कूल संचालक ने फर्स्ट बिहार को बताया कि हाईकोर्ट ने 25 जून तक स्कूल से सील हटा लेने का आदेश दिया था. लेकिन डीपीओ यानि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने पटना हाईकोर्ट के आदेश को मानने से इंकार कर दिया. सेंट पॉल्स स्कूल के संचालक दानिश आबदीन ने बताया कि वे जिला प्रोग्राम पदाधिकारी पटना सहित शिक्षा विभाग उच्च अधिकारियों के यहाँ दौड़ लगा रहे हैं लेकिन शिक्षा विभाग का कोई अधिकारी उच्च न्यायालय के आदेश को मानने को तैयार नहीं है.
दानिश आबदीन ने बताया कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 25 जून तक सीट हटाने का जो आदेश दिया था उसके खिलाफ शिक्षा विभाग और मकान की मालकिन ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में एलपीए दायर किया. लेकिन एक्टिंग चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाले डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर कोई रोक नहीं लगायी.
डीएम का निर्देश भी नहीं माना
हद देखिये, पटना की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एस.एम. के पत्र का भी नोटिस नहीं लिया है. डीपीओ की मनमानी से त्रस्त स्कूल संचालक ने डीएम के पास गुहार लगाई थी. पटना डीएम ने 25 जून को ही डीपीओ सह जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जाये. लेकिन डीपीओ ने उसका नोटिस नहीं लिया. इसके बाद फिर से डीएम ने 1 जुलाई को डीपीओ सह जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करायें. लेकिन डीपीओ ने कोई कार्रवाई नहीं की.