Bihar Elections 2025: क्या तिरहुत और मिथिलांचल की सीटों पर होगा NDA का कब्जा, बढ़ी मतदान प्रतिशत के मायने समझिए Bihar News: बिहार के इस जिले में महिला समेत 4 की मौत, गाँव में मचा कोहराम Bihar Election 2025 : 'सिक्सर में छह गोली होती हैं ...', जानिए हरेक का क्या है मतलब; जीतन राम मांझी बोले– NDA की जीत तय है Bihar News: बिहार में यहां देखते ही देखते चोरों ने उड़ाए ₹लाखों, CCTV की जांच के बाद पुलिस छापेमारी में जुटी Bihar Elections 2025: इस एक्जिट पोल बन रही तेजस्वी की सरकार, जानिए महागठबंधन को मिल रही कितनी सीट? Bihar Assembly Election 2025 : 15 बाहुबली उम्मीदवारों की सीटों पर कांटे की टक्कर, जानें कौन आगे कौन पीछे; अनंत, रीतलाल, हुलास, शिवानी और ओसामा के सीटों का हाल भी जानें Bihar News: बिहार के इस जिले में फिर पैर पसार रहा डेंगू, अब मिले इतने मरीज Bihar Election : एग्जिट पोल पर RJD का पलटवार: बोले– भाजपा की साजिश, 18 नवंबर को तेजस्वी लेंगे शपथ Patna News: पटना में प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने बढ़ाई लोगों की मुसीबत, AQI पहुंचा 300 के पार Bihar Election 2025: इन विधानसभा क्षेत्रों में 25 साल बाद हुआ मतदान, नक्सल प्रभावित इलाकों में भी हुई जोरदार वोटिंग; जानें क्या रही वजह
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 25 Apr 2025 03:18:00 PM IST
शिक्षा विभाग की FILE तस्वीर - फ़ोटो Google
Bihar Education News: शिक्षा विभाग ने 5 अगस्त 2024 को पटना जिले के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ,स्थापना) अरुण कुमार मिश्र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय पटना प्रमंडल क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय निर्धारित किया गया था. अब शिक्षा विभाग ने उन्हें निलंबिन मुक्त करने का निर्णय लिया है. इससे संबंधित आदेश शिक्षा विभाग के निदेशक (प्रशासन) एवं अपर सचिव सुबोध कुमार चौधरी ने जारी कर दिया है. निलंबन मुक्त करने के बाद अरूण कुमार मिश्र को जन शिक्षा कार्यालय में पदस्थापित किया गया है.
बता दें, शिक्षा विभाग ने विशेष सचिव डा.सतीश चन्द्र झा ने जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय, पटना का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के क्रम में विशेष सचिव ने शिक्षकों-कर्मियों से प्राप्त मातृत्व अवकाश तथा बकाया वेतन आदि के भुगतान से संबंधित संचिकाओं की जांच की थी।
जांच के क्रम में पाया गया था कि शिक्षकों के दावों के निष्पादन व भुगतान के पूर्व संबंधित लिपिकों के कार्यों की समीक्षा प्राप्त आवेदनों एवं अन्य संगत दस्तावेजों से की जानी चाहिए थी, जो डीपीओ द्वारा नहीं की गई। इसके लिए समय-समय पर समीक्षा बैठक भी किया जाना अपेक्षित था। लेकिन, अनुश्रवण या समीक्षा बैठक किए जाने का कोई साक्ष्य निरीक्षण के क्रम में प्रस्तुत नहीं किया गया।