1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 13 Dec 2025 12:01:44 PM IST
- फ़ोटो Google
Bihar Bhumi: बिहार के उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार की शाम पटना समाहरणालय के सभागार में विभाग के सभी वरीय अधिकारियों, भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं, अंचल अधिकारियों तथा राजस्व कर्मियों के साथ विभागीय कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में विभाग के प्रधान सचिव सीके अनिल, सचिव श्री जय सिंह सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 94 प्रतिशत लघु-सीमांत किसान, 76 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर और 68 प्रतिशत अपराध जमीन विवाद से जुड़े हैं। ऐसे में भूमि संबंधी समस्याओं का समयबद्ध निपटारा सुशासन की इस सरकार के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भूमि सुधार जनकल्याण संवाद में बड़ी संख्या में लोग विभागीय खामियों से परेशान होकर पहुंचे, अब ये नहीं चलेगा, हर काम समय सीमा में ही पूरा होगा।
सीओ पर नाराज़गी, स्पष्टीकरण के आदेश
उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा ने कहा कि दाखिल–खारिज और परिमार्जन मामलों में अनावश्यक देरी, रिजेक्शन और ट्रांसफर की प्रवृत्ति अस्वीकार्य है। उन्होंने खासकर दीदारगंज, संपतचक, बिहटा और दानापुर के अंचलाधिकारियों द्वारा मामलों के अत्यधिक लंबित रहने पर कड़ा असंतोष जताया और उनसे स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया। उन्होंने सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को अपने-अपने प्रखंडों की नियमित मॉनिटरिंग, पंचायत स्तर पर निरीक्षण और लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन का निर्देश दिया।
स्पेशल टीम करेगी जांच
बैठक में उपमुख्यमंत्री ने साफ कहा कि फर्जी कागजात के आधार पर मामलों को लटकाने या गलत दाखिल–खारिज करने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी। ऐसे मामलों की जांच के लिए मुख्यालय स्तर पर विशेष टीम बनाई जाएगी। गलती पकड़े जाने पर किसी को नहीं बख्शा जाएगा, उन्होंने चेताया।
सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि 31 दिसंबर तक सभी सही लंबित मामलों का हर हाल में निष्पादन सुनिश्चित किया जाए। जनवरी में पंचायतवार समीक्षा दुबारा होगी। प्रधान सचिव सीके अनिल ने कहा कि अनावश्यक रिजेक्शन और पेंडेंसी कम की जाए।
उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि सरकारी अधिकारी होकर सरकारी जमीन को अन्य के नाम दाखिल–खारिज कर देना अमानत में ख़यानत है। ऐसी गलती को सुधारना उसी अधिकारी की जिम्मेदारी है, दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने पटना को मॉडल रेवेन्यू डिस्ट्रिक्ट बनाने की दिशा में कार्य करने और दलालों के हस्तक्षेप से मुक्त होकर समय पर कार्य निष्पादन की सलाह दी। सचिव जय सिंह ने कहा कि जनता के कार्य आसान करने की पहल तभी सफल होगी जब फील्ड स्तर पर अधिकारी संवेदनशीलता और दक्षता के साथ काम करेंगे।
पटना के जिलाधिकारी एस. त्यागरजन ने कहा कि दाखिल–खारिज में बेवजह आपत्ति लगाने की प्रवृत्ति समाप्त करनी होगी। उन्होंने ई-मापी पोर्टल पर मापी प्रतिवेदन अपलोड में हो रही लापरवाही पर चिंता जताई और सभी अंचलाधिकारियों को अपने अधीनस्थ कर्मियों की नियमित मॉनिटरिंग तथा कार्यों में व्यवहारकुशलता बढ़ाने का निर्देश दिया।
इस दौरान विशेष सचिव अरुण कुमार सिंह, सचिव सह चकबंदी निदेशक राकेश कुमार, ओ एस डी चंद्रिमा अत्री, भू अर्जन निदेशालय के निदेशक कमलेश कुमार सिंह, सहायक निदेशक सह संयुक्त सचिव आजीव वत्सराज, उप निदेशक मोना झा, ओएसडी मणिभूषण किशोर, उप सचिव डॉ सुनील कुमार, उप सचिव सुनील कुमार सिंह, ओएसडी अनुपम प्रकाश, आईटी मैनेजर आनंद शंकर समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।