Bihar News: बिहार में 12 एकलव्य स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर आज से शुरू, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लिए युवा खिलाड़ी होंगे तैयार

Bihar News: बिहार में मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी खेल विकास योजना के तहत आज से 12 एकलव्य राज्य आवासीय स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर नए स्वरूप और पूरी सुविधा के साथ अपने कामकाज की शुरुआत कर रहे हैं। इन प्रशिक्षण केन्द्रों का उद्देश्य राज्य के बुनियादी...।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Dec 2025 09:58:00 AM IST

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Bihar News: बिहार में मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी खेल विकास योजना के तहत आज से 12 एकलव्य राज्य आवासीय स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर नए स्वरूप और पूरी सुविधा के साथ अपने कामकाज की शुरुआत कर रहे हैं। इन प्रशिक्षण केन्द्रों का उद्देश्य राज्य के बुनियादी स्तर पर प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का चयन करना है। साथ ही उन्हें आधुनिक सुविधाओं और कुशल प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित करना है, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।


राज्य में कुल 68 एकलव्य स्कूल बनाए जाने हैं, लेकिन इस फर्स्ट फेज में केवल 12 स्कूल आज से शुरू हो रहे हैं। बाकी स्कूलों पर अभी निर्माण और तैयारियों का कार्य चल रहा है, जिसे जल्द ही पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।


बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि ये राज्य आवासीय स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर खासतौर पर कम उम्र में खेल प्रतिभा को पहचानने और उन्हें उचित प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। इन सेंटरों में खिलाड़ियों को आवासीय सुविधा, पोषणयुक्त आहार और अत्याधुनिक खेल उपकरण उपलब्ध होंगे।


इन 12 सेंटरों में विषेश सुविधा

बक्सर – कबड्डी (बालक)

सीतामढ़ी – कबड्डी (बालिका)

मुंगेर – फुटबॉल (बालक)

नालंदा – निशानेबाजी (बालक), हॉकी (बालिका)

पटना – कुश्ती (बालक)

सिवान – हैंडबॉल (बालिका)

कैमूर – वॉलीबॉल (बालक), कुश्ती (बालक), एथलेटिक्स (बालक)

बेगूसराय – ताइक्वांडो (बालक)


राज्य में कुल 68 एकलव्य स्कूलों के लिए खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के चयन की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली गई है। इस पहल से बिहार में खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रतिस्पर्धा का अवसर मिलेगा और राज्य का खेल विकास तेजी से बढ़ेगा।


महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने यह भी कहा कि इन सेंटरों के माध्यम से न केवल खेल कौशल में सुधार होगा, बल्कि बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास भी होगा, जिससे उन्हें समग्र शिक्षा और खेल जीवन दोनों का संतुलित अवसर मिलेगा।