Bihar News: देश का सबसे चौड़ा छह लेन पुल बिहार में तैयार, मालवाहक जहाजों के लिए भी खुला मार्ग

Bihar News: बिहार ने देश को कई योजनाओं में अपना मॉडल देने के बाद इस वर्ष पुल निर्माण के क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित किया है। पटना और बेगूसराय के बीच गंगा नदी पर बने औंटा-सिमरिया छह लेन पुल का उद्घाटन 22 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और...।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 19 Dec 2025 08:01:07 AM IST

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Bihar News: बिहार ने देश को कई योजनाओं में अपना मॉडल देने के बाद इस वर्ष पुल निर्माण के क्षेत्र में भी कीर्तिमान स्थापित किया है। पटना और बेगूसराय के बीच गंगा नदी पर बने औंटा-सिमरिया छह लेन पुल का उद्घाटन 22 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयुक्त रूप से किया। यह पुल न केवल छह लेन का है, बल्कि देश का सबसे चौड़ा पुल भी है। आम तौर पर छह लेन पुल की चौड़ाई लगभग 29.5 मीटर होती है, लेकिन औंटा-सिमरिया पुल की चौड़ाई 34 मीटर है।


यह पुल एक्सपेंशन केबल ब्रिज तकनीक पर आधारित है और इसे 18 पिलरों पर बनाया गया है। दोनों ओर 3-3 लेन की सड़क है। औंटा की ओर 100 मीटर चौड़ी रोटरी (जीरो माइल) और सिमरिया की ओर 80 मीटर चौड़ी रोटरी बनाई गई है, जिसे पार्क के रूप में विकसित किया गया है। इस पुल के बनने से न केवल यातायात सुगम हुआ है, बल्कि मालवाहक जहाजों का परिचालन भी इसके नीचे से आसानी से किया जा सकेगा।


इस पुल के निर्माण पर कुल 1871 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसका मुख्य लाभ यह है कि अब दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार के जिलों—जैसे पटना, शेखपुरा, नवादा, लखीसराय आदि और बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी, अररिया आदि—के बीच भारी वाहनों का आवागमन सुगम हो गया है। पुल बनने के कारण यात्रा दूरी लगभग 100 किमी तक कम हो गई है, जिससे समय और परिवहन लागत दोनों में कमी आई है।


औंटा-सिमरिया पुल से सिमरिया धाम, जो प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्मस्थान भी है, बेहतर संपर्क से जुड़ गया है। अब उत्तर और दक्षिण बिहार के लोगों को आवश्यक सामान कम समय और कम खर्च में उपलब्ध हो रहा है। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरा की जनसभा में बिहार के लिए घोषित सवा लाख करोड़ के विशेष पैकेज में औंटा-सिमरिया पुल की घोषणा की थी, और अब यह परियोजना पूर्ण होकर लोगों के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है। इस पुल के निर्माण से न केवल यातायात और माल ढुलाई में सुधार हुआ है, बल्कि यह बिहार की अवसंरचना और आर्थिक विकास के लिए भी मील का पत्थर साबित हो रहा है।