BJP national president : 45 साल की बीजेपी को 45 साल का अध्यक्ष, अमित शाह का भी रिकॉर्ड तोड़ेंगे बिहार के नितिन नबीन

45 साल की बीजेपी ने इतिहास रचते हुए बिहार के नितिन नबीन को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। 5 बार विधायक रहे नितिन नबीन 45 साल की उम्र में यह जिम्मेदारी संभालकर अमित शाह का रिकॉर्ड तोड़ेंगे।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Dec 2025 09:10:32 AM IST

BJP national president : 45 साल की बीजेपी को 45 साल का अध्यक्ष, अमित शाह का भी रिकॉर्ड तोड़ेंगे बिहार के नितिन नबीन

- फ़ोटो

BJP national president : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संगठनात्मक इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। 45 साल पहले जिस पार्टी की स्थापना हुई थी, उसी पार्टी को अब 45 साल का सबसे युवा अध्यक्ष मिलने जा रहा है। बिहार के कद्दावर नेता और राज्य सरकार में मंत्री नितिन नबीन को बीजेपी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति के साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है।


बीजेपी की स्थापना अप्रैल 1980 में हुई थी और इसके करीब एक महीने बाद ही बिहार में एक बच्चे का जन्म हुआ, जिसका नाम रखा गया नितिन। यही नितिन आगे चलकर बीजेपी के सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। यह महज एक संयोग नहीं, बल्कि संगठन के प्रति दशकों की निष्ठा, मेहनत और विचारधारा के प्रति समर्पण का परिणाम माना जा रहा है।


छात्र राजनीति से राष्ट्रीय नेतृत्व तक का सफर

नितिन नबीन का राजनीतिक सफर छात्र जीवन से ही शुरू हो गया था। पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका झुकाव उस संगठन की ओर हुआ, जो उस दौर में छात्रों के अधिकारों और राष्ट्रहित के मुद्दों को लेकर सड़कों पर सक्रिय था। यही कारण रहा कि उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की।


ABVP में सक्रिय रहते हुए नितिन नबीन ने संगठनात्मक कौशल, नेतृत्व क्षमता और स्पष्ट विचारधारा के जरिए खुद को साबित किया। इसके बाद उनका प्रवेश सक्रिय राजनीति में हुआ और वह भारतीय जनता पार्टी का हिस्सा बने। धीरे-धीरे वे संगठन में मजबूत पकड़ बनाते चले गए।


विधायक से मंत्री तक का मजबूत राजनीतिक अनुभव

नितिन नबीन पहली बार साल 2006 में पटना पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक बने थे। इसके बाद 2010 से लेकर 2025 तक वह लगातार पांच बार बांकीपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज करते आ रहे हैं। यह अपने आप में जनता के बीच उनकी मजबूत पकड़ और लोकप्रियता को दर्शाता है।

साल 2016 से 2019 तक नितिन नबीन बीजेपी युवा मोर्चा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान उन्होंने युवाओं के बीच पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। उनकी सक्रियता और संगठनात्मक क्षमता को देखते हुए साल 2021 में नीतीश कुमार सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया।

वर्तमान में नितिन नबीन बिहार सरकार में पथ निर्माण विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इन विभागों में उनके कामकाज को लेकर पार्टी और संगठन दोनों ही स्तरों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती रही है।


अमित शाह का रिकॉर्ड टूटा

बीजेपी के इतिहास में अब तक सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड अमित शाह के नाम था। अमित शाह जुलाई 2014 में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। उनका जन्म अक्टूबर 1964 में हुआ था, यानी वह करीब 49 साल 9 महीने की उम्र में इस पद पर पहुंचे थे।

अब बिहार के नितिन नबीन महज 45 साल की उम्र में बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं। इस तरह उन्होंने अमित शाह का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पार्टी के इतिहास में नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।


पार्टी नेतृत्व का भरोसा

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने नितिन नबीन की नियुक्ति की आधिकारिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी के संसदीय बोर्ड ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है और यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। नितिन नबीन ने जेपी नड्डा की जगह यह जिम्मेदारी संभाली है।

पार्टी नेतृत्व का मानना है कि यह फैसला संगठन को नई ऊर्जा देगा। भले ही नितिन नबीन उम्र में युवा हैं, लेकिन संगठनात्मक समझ, राजनीतिक अनुभव और जनता के बीच काम करने का उनका अनुभव काफी मजबूत है।


संगठन के लिए अहम फैसला

बीजेपी के अंदरखाने इस फैसले को संगठनात्मक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। पार्टी को विश्वास है कि नितिन नबीन के नेतृत्व में संगठन को राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूती मिलेगी। पांच बार के विधायक, दो बार बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और राज्य सरकार में मंत्री के रूप में काम कर चुके नितिन नबीन का अनुभव उन्हें इस भूमिका के लिए एक मजबूत दावेदार बनाता है। कुल मिलाकर, 45 साल की बीजेपी को 45 साल का अध्यक्ष मिलना सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह पार्टी की नई पीढ़ी पर भरोसे और भविष्य की राजनीति की दिशा को भी दर्शाता है।