Bihar Road Accident : तेज रफ्तार का कहर ! ट्रक ने ट्रैक्टर में मारी टक्कर, एक मजदूर की मौत; चार जख्मी BIHAR NEWS : मिड-डे मील खाने से बिगड़ी 104 बच्चों की तबीयत, छिपकली मिलने के बाद भी HM ने जबरदस्ती करवाया था भोजन Bihar Politics : PM मोदी के दौरे के बाद अब JP नड्डा करेंगे BJP नेता साथ बैठक; चुनाव से पहले सुलझाएंगे 'पेंच' Bihar Board Result 2025: आज समाप्त हो जाएगी मैट्रिक की परीक्षा, जानिए कब आएगा रिजल्ट; बिहार बोर्ड ने दी जानकारी Ration in Bihar : अब इन लोगों को नहीं मिलेगा सरकारी राशन,सरकार ने जारी किया; पढ़िए पूरी खबर Bihar School News : शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला, 31 मार्च के बाद इन 600 कर्मियों की हो जाएगी परमानेंट छुट्टी; जानिए क्या है वजह BIHAR NEWS : ठेका मिलने के बाद पेटी कांट्रेक्टर से काम करवाना पड़ेगा महंगा, सरकार का कड़ा निर्देश जारी Bihar Police: थानेदार ने महिला सिपाही को 'कार' में बिठाया, फिर कर दिया कांड, गुस्से में लाल हुई वो ,फिर तो.... BIHAR NEWS : PM मोदी के बाद अब CM नीतीश कुमार की बारी, 25 हज़ार किसानों को मिलने वाला है बड़ा गिफ्ट Bihar News : यदि आपकी भी गाड़ी है 15 साल पुरानी तो हो जाएं सावधान, जल्द सरकार लेने वाली है बड़ा एक्शन; पढ़ें पूरी खबर
25-Feb-2025 07:59 AM
बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री के दौरान रजिस्ट्री दफ्तरों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। सरकारी जांच में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें एमवीआर (न्यूनतम मूल्यांकन पंजी) दरों में हेराफेरी कर सरकार को भारी राजस्व की हानि पहुंचाई गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह अनियमितता पूरे राज्य में फैलेगी, जिसके बाद अब सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और जमीन की रजिस्ट्री करने वालों पर गाज गिर सकती है।
पश्चिम चंपारण के बेतिया के चनपटिया प्रखंड में जमीन निबंधन में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। बिहार सरकार के निबंधन विभाग को इस फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने के बाद सहायक महानिदेशक ने पूरे मामले की जांच कराई। शुरुआती जांच में ही 15.60 लाख रुपये के राजस्व की हानि सामने आई है। जांच में पाया गया कि जमीन की सरकारी दर (एमवीआर) कम दिखाकर निबंधन किया जा रहा था। आवासीय जमीन को कृषि भूमि, मुख्य सड़क की जमीन को सहायक सड़क दिखा दिया गया। इससे सरकार को मिलने वाली रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी में हेराफेरी कर कम टैक्स जमा किया गया।
यह फर्जीवाड़ा आवासीय भूमि को कृषि भूमि के रूप में दर्शाकर किया जा रहा था, क्योंकि कृषि भूमि का एमवीआर कम होता है, जिसके कारण कम टैक्स देकर रजिस्ट्री की जाती थी। साथ ही मुख्य सड़क की भूमि को सहायक सड़क के रूप में दर्शाया जाता था, क्योंकि मुख्य सड़क की भूमि का एमवीआर अधिक होता है, जबकि सहायक सड़क का कम। इस तरह कम एमवीआर दिखाकर सरकार को चूना लगाया जाता था। भूमि की प्रकृति और स्थान के साथ भी छेड़छाड़ की जाती थी। कई मामलों में रजिस्ट्री के दस्तावेजों में भूमि की वास्तविक स्थिति को छिपाया जाता था।
बेतिया में सहायक निबंधन महानिरीक्षक राकेश कुमार ने खुद स्थल निरीक्षण कर फर्जीवाड़ा की पुष्टि की है। अब तक मात्र 12 दस्तावेजों की जांच में 15.60 लाख रुपये के राजस्व की हानि सामने आई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि चनपटिया रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकांश दस्तावेजों में इस तरह से करोड़ों रुपये के राजस्व की चोरी की गई है।
सरकार ने इस मामले में संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। निबंधन विभाग अब इस घोटाले की गहनता से जांच कर रहा है और जल्द ही इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
पूरे राज्य में भूमि निबंधन से जुड़े दस्तावेजों की दोबारा जांच की जाएगी। फर्जीवाड़ा करने वाले रजिस्ट्री कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भूमि निबंधन प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार नए सख्त दिशा-निर्देश लागू कर सकती है। डिजिटल रजिस्ट्री और जीपीएस मैपिंग को अनिवार्य किया जा सकता है ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।