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05-Jan-2025 05:52 PM
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MADHEPURA: बिहार में करीब 8 साल से पूर्ण शराबबंदी है। शराबबंदी के बाद पुलिस को देखकर शराबियों को भागते हुए तो आपने देखा और सुना भी होगा लेकिन, एसपी को देखकर शराब के नशे में चूर दारोगा को भागते शायद ही देखा-सुना होगा। जी हां, एक ऐसा ही वाक्या मधेपुरा जिले के गम्हरिया थाने में शुक्रवार की देर शाम को देखने को मिला। दो दारोगा खुद एसपी के हत्थे चढ़ गए। थाने में एसपी को देखकर भागने लगे लेकिन होशियारी काम नहीं आई। अब दोनों जेल की हवा खाएंगे। इनमें से एक जमादार रैंक का तो दूसरा दारोगा है।
दरअसल हुआ यूं कि शुक्रवार की देर शाम करीब साढ़े 8 बजे मधेपुरा पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह गम्हरिया में पुलिस व्यवस्था का जायजा लेने अचानक से पहुंच गए। गम्हरिया पहुंचने के दौरान सिहेश्वर-सुपौल स्टेट हाइ-वे पर उन्हें कहीं भी पुलिस गश्ती या अन्य पुलिस पदाधिकारी नहीं दिखे। जबकि सिंहेश्वर से गम्हरिया के बीच कई ऐसे स्पॉट हैं, जहां अपराधियों के द्वारा राहगीरों से लूटपाट की जाती है। इसके बाद जैसे ही वे थाना पहुंचे, साहब को अचानक से देखकर पुलिसकर्मियों में अफरा-तफरी मच गई। उस वक्त थाने में कुछ चौकीदार, पुलिस पदाधिकारी और कुछ लोग बैठे हुए थे। एसपी को देखकर कुछ लोग वहां से भाग खड़े हुए।
इधर संध्या गश्ती टीम का नेतृत्व करने वाले दारोगा मनोज कुमार गश्त के बजाय थाने पर गाड़ी लेकर बैठे हुए थे। साहब की गाड़ी को आते देख वे आनन-फानन में पुलिस बल के साथ जीप लेकर निकल गए। पुलिस जीप एक चौकीदार चला रहा था। लेकिन पुलिस अधीक्षक ने पुलिस गश्ती टीम की गाड़ी का पीछा कर सड़क पर रुकवाया और थाना बुलाकर सभी का ब्रेथएनलाजर मशीन से जांच करवाई गयी।
इसमें दारोगा मनोज कुमार नशे की हालत में पाए गए। इधर जांच हो ही रही थी कि इसी बीच गम्हरिया थाने में पदस्थापित पीटीसी वासिद खान दो युवक के साथ थाने आए। उन्हें इस बात की भनक नहीं लगी थी कि साहब थाने में हैं। उन तीनों की भी जांच करवाई गई। जिसमें तीनों नशे में पाए गए। पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह के आदेश से दोनों पुलिस पदाधिकारी एवं दोनों युवकों को नशा सेवन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
बहरहाल खुद मधेपुरा एसपी संदीप सिंह को भी इस बात का इल्म नहीं रहा होगा कि जब वे किसी थाना क्षेत्र में पुलिस व्यवस्था का औचक निरीक्षण करने जाएंगे, तो उन्हें अपने ही महकमे के स्टाफ को शराब के नशे में गिरफ्तार करना पड़ेगा। बात इतने से ही नहीं रुकी, चर्चा है कि साहब ने रात में जिले के साथी थानों के पुलिसकर्मियों की जांच कर ली, वह भी कैमरे के सामने। नशाबंदी कानून को रोकने के जिम्मेवार ही जब नशे की हालत में पकड़े जाएं तो शराबबंदी पर सवालिया निशान लगना लाजिमी है।