बिहार का चेरापूंजी कहे जाने वाला जिला किशनगंज में शीतलहर का कहर जारी, जनजीवन अस्त-व्यस्त, अलाव की व्यवस्था नहीं

बिहार के सीमांचल जिला किशनगंज में शीतलहर के कारण जनजीवन प्रभावित है। स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है, लेकिन अलाव और कंबल वितरण की व्यवस्था अब तक नहीं हुई है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 24 Dec 2025 04:13:27 PM IST

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ठंड का कहर जारी - फ़ोटो REPORTER

KISHANGANJ: बिहार का चेरापूंजी और दार्जिलिंग कहा जाने वाला सीमांचल जिला किशनगंज इन दिनों भीषण शीतलहर की चपेट में है। भौगोलिक दृष्टि से बांग्लादेश और नेपाल के तराई क्षेत्र में बसे होने के कारण जिले में ठंड का असर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।


जिले में तापमान 17 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया जा रहा है। बढ़ती ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन समय में बदलाव किया है। अब स्कूल सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक संचालित किए जा रहे हैं।


वहीं दूसरी ओर आम जनता, खासकर मजदूरों, टोटो चालकों और सड़कों पर चलने वाले राहगीरों को ठंड से भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ठंड के बावजूद अब तक न तो जिला प्रशासन और न ही नगर परिषद द्वारा चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है और न ही जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया गया है।


गौरतलब है कि बिहार सरकार ने राज्य के 17 जिलों को कोल्ड जोन घोषित किया है, जिसमें किशनगंज भी शामिल है। इसके बावजूद राहत व्यवस्था नहीं होना प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल खड़े करता है। इस गंभीर मुद्दे पर जब जिले के सांसद डॉ. जावेद आजाद और विधायक कमरुल होदा से बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि वे प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं। वहीं जिला पदाधिकारी की ओर से भी जल्द आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया गया है।