ब्रेकिंग न्यूज़

India Pakistan War: पाकिस्तान की मदद करने खुलकर मैदान में उतरा तुर्की, इस गद्दार को सबक सिखाने का भारत के पास सुनहरा अवसर S-400 Missile defence system: पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को भारत ने S-400 डिफेंस सिस्टम से किया नाकाम, जानिए इस घातक हथियार की खासियत Bihar News: दोस्तों के संग नहाने गया नाबालिग... लौटा ही नहीं, गाँव में छाया मातम Indian Army response: पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमले नाकाम, भारतीय सेना ने L-70 और शिल्का सिस्टम से दिया करारा जवाब Bihar News: शनिवार को इस रेलखंड पर 7 घंटे का मेगा ब्लॉक, 10 ट्रेनें रद्द, कई रिशेड्यूल Social media rumor: भारत के हवाई अड्डों पर एंट्री बैन की खबर फर्जी, सरकार ने कहा- अफवाहों से बचें Bihar News: सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग अब कार्य के अनुसार, लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त, नए नियम जारी Bihar border alert: भारत-पाक तनाव के बीच बिहार में हाई अलर्ट, सीमांचल में कल सीएम नीतीश की अहम बैठक S-400: भारत के कई शहरों को बर्बादी से बचाने वाला 'सुदर्शन', कभी USA को ठेंगा दिखाते हुए भारत ने 'सच्चे मित्र' से था खरीदा भारतीय नौ सेना का कराची पर जोरदार हमला...पाकिस्तान के 16 शहरों पर भारी बमबारी

Bihar News: देखी है कभी इतनी बड़ी Fish? मछुआरों के जाल में फंसी दो विशालकाय मछली

1st Bihar Published by: SONU Updated Sun, 23 Mar 2025 02:02:15 PM IST

Bihar News

- फ़ोटो reporter

Bihar News: कटिहार के कुरसेला परिक्षेत्र गंगा एवं कोसी के संगम तट पर स्थित होने के कारण मछली उत्पादन के लिए काफी ज्यादा चर्चित है। मछली पालन की असीम संभावनाएं यहां पर व्याप्त हैं। इसको लेकर पूर्व मे जिला प्रशासन के द्वारा रिवर रेचिंग कार्यक्रम के अंतर्गत मछली के बीज को भी गंगा एवं कोसी नदी में गिराया गया था।


रविवार को कुरसेला परिक्षेत्र के गंगा नदी से 40 किलो व‌ 35 किलो वजन की दो विशालकाय मछली मछुआरों द्वारा पकड़ी गई। इतनी विशालकाय मछली देखकर मछली मंडी में काफी भीड़ उमड़ पड़ी। दो विशालकाय बघार मछली पूरे दिन इलाके में चर्चा का विषय बनी रहीं।






जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह मछुआरे गंगा नदी मे मछली पकड़ रहे थे। इसी दौरान मछुआरों को दो बड़ी मछली पर नजर पड़ी। तब मछुओ ने काफी मशक्कत से उन विशालकाय मछलियों को पकड़ा। मछुआरों द्वारा मछली का नाम बघार बताया जा रहा है। इतनी बड़ी मछली स्थानीय मछुआरों के हाथ आने से उनमें काफी खुशी देखी गई।