जमुई: 25 साल बाद नक्सल प्रभावित चोरमारा में शुरू हुआ राशन वितरण, अब तेज होंगे बिजली–पानी–सड़क के विकास कार्य

जमुई के नक्सल प्रभावित चोरमारा गांव में 25 वर्षों बाद पहली बार पीडीएस राशन वितरण शुरू हुआ। डीएम नवीन कुमार की पहल से अब गांव में बिजली, पानी, सड़क और शिक्षा से जुड़ी योजनाएँ तेजी से लागू होंगी। प्रशासन की पहुंच बढ़ने से ग्रामीणों में उत्साह।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 06 Dec 2025 10:47:52 PM IST

बिहार

चुनाव के बाद विकास की नई शुरुआत - फ़ोटो सोशल मीडिया

JAMUI: जमुई जिले के बरहट प्रखंड स्थित अति नक्सल प्रभावित चोरमारा गांव में 25 वर्षों बाद पहली बार गांव के भीतर ही जन वितरण प्रणाली (PDS) के तहत राशन वितरण शुरू हो गया है। दिसंबर माह से शुरू हुई इस ऐतिहासिक पहल को जिलाधिकारी नवीन कुमार ने विशेष निर्देश देकर लागू कराया है। यह कदम क्षेत्र में प्रशासनिक पकड़ मजबूत होने और सुरक्षा व्यवस्था के स्थायी रूप से बेहतर होने का महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।


शनिवार को अपर समाहर्ता रवि कान्त सिन्हा एवं अनुमंडल पदाधिकारी सौरव कुमार स्वयं चोरमारा पहुंचे और ग्रामीणों के बीच राशन वितरण की व्यवस्था का निरीक्षण किया। अधिकारियों की मौजूदगी में ग्रामीणों को उनके हिस्से का राशन उपलब्ध कराया गया।


एसडीओ सौरव कुमार ने बताया कि “नक्सली प्रभाव के कारण लगभग 25 वर्षों तक गांव में राशन वितरण संभव नहीं था। अब सुरक्षा बलों की मौजूदगी और प्रशासनिक सक्रियता के कारण गांव में ही पीडीएस वितरण शुरू किया जा सका है।”


चुनाव के बाद विकास की नई शुरुआत


चोरमारा में प्रशासन की पहुंच का पहला बड़ा कदम उसी वक्त दर्ज हुआ, जब 18वीं विधानसभा चुनाव के दौरान 25 वर्षों बाद गांव में मतदान केंद्र बनाया गया। ग्रामीणों ने वर्षों बाद पहली बार अपने गांव में ही मतदान किया। अब उसी कड़ी में दूसरी बड़ी पहल के रूप में गांव के भीतर ही सीआरपीएफ कैंप के सहयोग से राशन वितरण बहाल किया गया है, जिससे चोरमारा तथा आसपास के आदिवासी क्षेत्रों में नया उत्साह देखा जा रहा है।



---


अब तेज होंगे विकास कार्य: बिजली, पानी, सड़क और मॉडल स्कूल

अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान स्पष्ट किया कि चोरमारा और आसपास की बस्तियों में जल्द ही बड़े पैमाने पर विकास योजनाएँ चलाई जाएँगी। इनमें—

बिजली: गांव में लगातार और सुरक्षित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।

पानी: पेयजल के लिए पाइपलाइन, हैंडपंप मरम्मत एवं नई सुविधाओं की योजना तैयार की जा रही है।

सड़क: मुख्य सड़क से चोरमारा तक सड़क निर्माण व मरम्मत को प्राथमिकता दी जाएगी।

शिक्षा: बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए गांव में मॉडल स्कूल स्थापित किया जाएगा।


अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन अब इस पूरे इलाके को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लगातार निगरानी रखेगा और सभी आवश्यक सुविधाएँ प्राथमिकता पर उपलब्ध कराई जाएँगी।

ग्रामीण बोले—“अब सच में विकास गांव तक पहुंचा है” राशन वितरण बहाली, मतदान केंद्र निर्माण, सुरक्षा बलों की तैनाती और अब बिजली–पानी–सड़क की योजनाओं की घोषणा के बाद ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें वर्षों बाद महसूस हो रहा है कि सरकार और प्रशासन वास्तव में उनके विकास को लेकर गंभीर है।



नक्सल इतिहास से निकलकर बदलते चोरमारा की कहानी


चोरमारा कभी नक्सल गतिविधियों का गढ़ रहा है। यहीं के कुख्यात हार्डकोर नक्सली, अर्जुन कोड और बालेसर कोड, जो पूर्वी बिहार–पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी के सक्रिय कमांडर थे, ने वर्ष 2022 में तत्कालीन एसपी के समक्ष हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया था। 2005 में इसी इलाके में मुंगेर के तत्कालीन एसपी सुरेंद्र बाबू की नक्सलियों द्वारा बारूदी सुरंग विस्फोट कर हत्या कर दी गई थी — यह घटना इस क्षेत्र की भयावह नक्सली पृष्ठभूमि की बड़ी मिसाल है। आज वही चोरमारा 25 वर्षों बाद चुनाव, राशन वितरण और आगामी विकास योजनाओं के साथ बदलाव की नई कहानी लिख रहा है।