जमुई में बड़ा खुलासा: 3 जीवित महिलाओं का पेंशन बंद, 49 लाभुक भी महीनों से वंचित

जमुई के बरहट प्रखंड में बड़ी लापरवाही सामने आई है। तीन जीवित बुजुर्ग महिलाओं को पोर्टल पर “मृत” दिखाकर पेंशन बंद कर दी गई, जबकि 49 अन्य लाभुक भी महीनों से पेंशन से वंचित हैं। जिलाधिकारी ने जांच व पेंशन बहाली का निर्देश दिया।

1st Bihar Published by: Dhiraj Kumar Singh Updated Sat, 06 Dec 2025 10:16:23 PM IST

बिहार

विधानसभा चुनाव में किया था मतदान - फ़ोटो REPORTER

JAMUI: जमुई जिले के बरहट प्रखंड में वृद्धावस्था पेंशन योजना में गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। प्रखंड की तीन बुजुर्ग महिलाएँ शकुंती देवी (81), रूना देवी (77) और सकली देवी को सरकारी पोर्टल पर “मृत” दर्ज कर दिया गया, जिसके कारण उनकी पेंशन पिछले 1–2 वर्षों से बंद है। सभी ने कई बार जीवित होने का प्रमाण पत्र भी दिया, लेकिन पेंशन अब तक बहाल नहीं की गई।


49 अन्य लाभुकों की भी पेंशन अटका 

प्रखंड में कुल 49 वृद्ध लाभुकों की पेंशन कई महीनों से बंद है। कटौना, बरियारपुर, डाढ़ा, गुगुलडीह, नूमर, मलयपुर सहित कई गांवों के बुजुर्ग—कुपेश कुमार सिंह, अनार देवी, सारो देवी, मंजू देवी, सिया देवी, हाफिज मियां, कमली देवी, देव कुमार, जानकी देवी, भवानी देवी, पार्वती देवी, तुलसी मांसी, इंदिरा देवी सहित अनेक लोग गलत पोर्टल प्रविष्टियों के कारण परेशान हैं। कई लाभुकों के मामले में पोर्टल पर “योजना बदलाव” या अन्य त्रुटिपूर्ण जानकारी दर्ज है, जिसके चलते पेंशन राशि उनके खातों में नहीं पहुंच पा रही।


वोटर लिस्ट में लाभुक जीवित, चुनाव में किया था मतदान 

जिन तीन महिलाओं को पोर्टल पर मृत दिखाया गया,उनका नाम वर्तमान मतदाता सूची में दर्ज है और तीनों ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मतदान भी किया है। इसके बावजूद उन्हें मृत घोषित किया जाना विभागीय गड़बड़ी का स्पष्ट प्रमाण है। रूना देवी ने बताया कि “दो साल से एक पैसे की पेंशन नहीं मिली। दफ्तर जाकर बताया तो बोले कि आप मर चुकी हैं। प्रमाण भी दे दिया, फिर भी कोई सुनवाई नहीं।”


जिलाधिकारी का निर्देश

जिलाधिकारी नवीन ने कहा कि पोर्टल से हटाए गए सभी लाभुकों को दोबारा जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पहली प्राथमिकता पेंशन बहाल करना है, उसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।


बुजुर्गों में नाराजगी

लाभुकों ने कहा कि गलत प्रविष्टि और विभागीय लापरवाही की वजह से वे महीनों से दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। सभी ने जल्द सुधार और जिम्मेदार कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।