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Bihar Unique Wedding: प्यार किया तो डरना क्या?..बिना बैंड बाजा बारात के CISF जवान ने रचाई शादी, मां-बाप की मर्जी के खिलाफ लिए 7 फेरे

यशवंत मूल रूप से झारखंड के धनबाद के रहने वाले हैं। वो उत्तराखंड के पितरगढ़ में CISF में तैनात हैं। प्रेमिका प्रीति गया के ऐपी कॉलोनी की रहने वाली है। यशवंत के पिता गया में रहते हैं। पिता से मिलने के दौरान ही प्रीति से मुलाकात हुई थी।

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Bihar Unique Wedding: बिहार के जहानाबाद में एक अनोखी शादी देखने को मिली। सोशल मीडिया पर शादी की तस्वीरें आने के बाद इसकी चर्चा खूब होने लगी है। दरअसल यह शादी बिना बैंड बाजा-बारात के मंदिर में हुई। मां-बाप इस शादी को तैयार नहीं थे जिसके बाद बिना किसी तामझाम के प्रेमी जोड़े घर से भागकर मंदिर में शादी रचा ली।


बताया जाता है कि सीआईएसएफ जवान और उनकी प्रेमिका की मुलाकात आठ महीने पहले हुई थी तभी से दोनों एक दूसरे से प्यार कर बैठे। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन दोनों के माता पिता इस शादी के लिए तैयार नहीं हुई जिसके बाद दोनों ने घर से भागकर जहानाबाद के काकों प्रखंड के सूर्य मंदिर में जाकर हिन्दू रिति रिवाज से शादी कर ली।


CISF जवान यशवंत सिंह उत्तराखंड में तैनात हैं। जिन्हे गया की प्रीति से प्यार हो गया। इस प्रेम कहानी की शुरुआत आठ महीने पहले हुई थी। यशवंत जब अपने पिता से मिलने गया था वही प्रीति से मुलाकात हो गयी। फिर क्या था दोनों एक दूसरे से प्यार कर बैठे। लेकिन प्रीति के माता-पिता को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। हालांकि दोनों एक ही जाति से आते हैं लेकिन फिर भी लड़की वालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था।


प्रीति के माता-पिता ने अपनी बेटी की शादी दूसरी जगह तय कर रहे थे लेकिन लड़की ने दूसरी जगह शादी करने से इनकार कर दिया। जब परिवार वाले शादी को तैयार नहीं हुए तब यशवंत और प्रीति दोनों ने बड़ा फैसला ले लिया। दोनों घर से भागकर जहानाबाद पहुंच गये जहां हिन्दू रिति रिवाज से काकों स्थित सूर्य मंदिर में शादी रचाई। यह शादी दोस्तों और ग्रामीणों की उपस्थिति में हुई। 


शादी के लिए यशवंत छुट्टी लेकर जहानाबाद आया था जहां प्रीति से सात फेरे लिये। शादी के बाद यशवंत और प्रीति के चेहरे पर खुशी की झलक देखने को मिली। दोनों ने जीवनभर साथ रहने की बात कही। यशवंत का कहना था कि जब प्यार किया तो डरना क्या। प्यार में डरने की जरूरत नहीं। हम दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं यह प्यार जिन्दगी भर बना रहे इसलिए शादी की। इसके लिए परिवार वाले तैयार नहीं थे लेकिन अपनी मर्जी से हम दोनों ने हिन्दू रिति रिवाज से मंदिर में शादी की। शादी के बाद वहां मौजूद लोगों ने नव विवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया।