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OTA Gaya: सैन्य अधिकारी बने छह बिहारी युवा, OTA गया जी में 207 कैडेट्स ने ली शपथ

OTA Gaya: ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) गया में शनिवार की सुबह एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जब 207 कैडेट्स ने पासिंग आउट परेड के दौरान सैन्य अधिकारी के रूप में अपनी शपथ ली। इनमें छह बिहारी युवाओं भी शामिल हैं।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 07 Sep 2025 10:20:10 AM IST

OTA Gaya

ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी - फ़ोटो GOOGLE

OTA Gaya: ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) गया जी में शनिवार की सुबह एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जब 207 कैडेट्स ने पासिंग आउट परेड के दौरान सैन्य अधिकारी के रूप में अपनी शपथ ली। इनमें छह बिहारी युवाओं सहित देश भर के विभिन्न राज्यों के कैडेट्स शामिल थे। यह 27वां पासिंग आउट परेड था, जिसमें शॉर्ट सर्विस कमीशन (टेक्निकल एंट्री) पुरुष-63 से 184 और महिला-34 से 23 कैडेट्स को कमीशन मिला। बिहार के गया, मुंगेर सहित अन्य जिलों के छह युवा भी इस गौरवशाली पल के हिस्से बने। महिला कैडेट्स की संख्या 23 रही, जो इस अवसर पर परिवार और संस्थान दोनों के लिए गर्व का विषय बनीं।


परेड के दौरान कैडेट्स ने समन्वित ड्रिल प्रदर्शन से सभी का मन मोह लिया, और उनके सटीक कदमताल ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रिव्यूइंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्या सेनगुप्ता ने कैडेट्स के प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। इस परेड में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को भी सम्मानित किया गया। महाराष्ट्र के कोल्हापुर के बटालियन अंडर ऑफिसर ध्रुव कुलथे को सर्वश्रेष्ठ अधिकारी कैडेट चुना गया और उन्हें प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से नवाजा गया। ध्रुव को 9 ग्रेनेडियर्स में कमीशन मिला, और उनके पिता चंद्रसेन, जो स्वयं सेवानिवृत्त मेजर हैं, ने उनके प्रयासों को प्रेरणादायक बताया।


ओवरऑल ऑर्डर ऑफ मेरिट में पहला स्थान हासिल करने वाले हरियाणा के मोनू कुमार को स्वर्ण पदक मिला। मोनू ने 13वीं कोशिश में सफलता पाई और युवाओं को लगातार प्रयास करते रहने का संदेश दिया। द्वितीय स्थान पर रहने वाले देहरादून के पीयूष डिमरी को सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ, जिन्हें 7 कुमाऊं में कमीशन मिला। तीसरे स्थान पर ग्वालियर की मुक्ता सिंह को कांस्य पदक दिया गया, जिन्हें 118 इंजीनियर रेजिमेंट (बॉम्बे) में कमीशन मिला। मुक्ता ने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हार मानना विकल्प नहीं है और बेटियों को उड़ान भरने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए।


इस बार की पासिंग आउट परेड में उत्तर प्रदेश के 32 कैडेट्स सबसे अधिक संख्या में शामिल थे, जिसमें चार महिलाएं भी थीं। इसके अलावा महाराष्ट्र से 30, मध्य प्रदेश से 24, दिल्ली से 14, राजस्थान और उत्तराखंड से 14-14, तमिलनाडु से 13, केरल से 11, हरियाणा से नौ, हिमाचल से आठ, पंजाब से सात, बिहार से छह सहित देश के अन्य राज्यों से भी कैडेट्स शामिल थे। इस विविधता ने भारतीय सेना की एकता और समरसता को दर्शाया।


यह पासिंग आउट परेड न केवल कैडेट्स के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, बल्कि उनकी मेहनत, समर्पण और साहस का प्रतीक भी है। इसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आने वाले समय में ये युवा देश की सेवा में नए आयाम स्थापित करेंगे। सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी भी इस बदलाव का सकारात्मक संकेत है, जो समानता और अवसरों की गारंटी देता है। ओटीए गया की यह परंपरा देश के नये सेनानायकों को तैयार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है और आगे भी निभाती रहेगी।