ब्रेकिंग न्यूज़

India Pakistan: शहबाज शरीफ ने खोली खुद की पोल, माना भारत की मिसाइलों ने कर दी थी पैंट गीली, बंकर में जा छिपा था उनका कायर जनरल Sukanya Samriddhi Yojana: 833 रुपये में बेटी के सपनों को पंख दें... जानिए Sukanya Samriddhi Yojana कैसे बना सकती है आपके परिवारों का भविष्य? Bihar News: 470 करोड़ खर्च यहाँ बनाया जाएगा रेलवे का विशेष पुल, अब ट्रेन के ऊपर से फर्राटे मारेगी दूसरी ट्रेन Crime News: शिक्षिकाओं की पिटाई से मासूम की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ बर्बरता का खुलासा Shocking love story: 60 साल का वकील डॉक्टर की पत्नी को लेकर हुआ फरार , बोला- बचपन का प्यार है! India Pakistan: खौफ में जी रही पाकिस्तानी सेना, आर्मी हेडक्वार्टर को अब रावलपिंडी से हटाने की तैयारी 1st Bihar का फिर बजा डंका...ठेकेदार से मिलकर करोड़ों के भ्रष्टाचार में RCD के 'अधीक्षण-कार्यपालक अभियंता' सस्पेंड, हमने 25 दिसंबर को ही बड़े खेल का किया था खुलासा Bihar News: लापरवाही या मनमानी? करोड़ों की लागत से बनी सदर अस्पताल बिल्डिंग हो रही बर्बाद, विभाग बिल्कुल मौन Patna Pink Bus: महिलाओं के लिए पटना में शुरू हुई VIP बस सेवा! इतना सस्ता किराया कि यकीन नहीं होगा! Bihar Jharkhand Trains Cancelled: बिहार-झारखंड रुट की ये ट्रेनें 12 दिनों तक बंद, जानें वजह...

1st Bihar का फिर बजा डंका...ठेकेदार से मिलकर करोड़ों के भ्रष्टाचार में RCD के 'अधीक्षण-कार्यपालक अभियंता' सस्पेंड, हमने 25 दिसंबर को ही बड़े खेल का किया था खुलासा

Bihar News: पथ प्रमंडल गया में हुए करोड़ों के फर्जीवाड़े के खुलासे के पांच महीने बाद दो इंजीनियरों को सस्पेंड किया गया है. 1st Bihar/Jharkhand ने 25 दिसंबर 2024 को पथ निर्माण विभाग के पथ प्रमंडल-1 गया में करोड़ों के घोटाले का खुलासा किया था.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Sat, 17 May 2025 08:52:39 AM IST

Bihar News, vijay sinha, rcd gaya, पथ निर्माण में 26 करोड़ का घोटाला, खनन घोटाला, गया प्रमंडल, पाकुड़, नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री, राजा कंस्ट्रक्शन, Bihar News, bihar politics, पथ निर्माण विभाग, De

- फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: 1st Bihar/Jharkhand ने 25 दिसंबर 2024 को पथ निर्माण विभाग के पथ प्रमंडल-1 गया में करोड़ों के घोटाले का खुलासा किया था. इसके बाद डिप्टी सीएम सह पथ निर्माण विभाग के तत्कालीन मंत्री विजय सिन्हा ने जांच के आदेश दिए थे. प्राथमिक जांच में आरोप सही पाये गए थे. शुरूआती दौर में खबर को ही असत्य करार देने की कोशिश की गई. पर सच तो सच होता है. 1st Bihar/Jharkhand ने पूरे तथ्य के साथ पोल खोली तो तत्कालीन पथ निर्माण मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया था कि पथ प्रमंडल सं-1 गया में बड़ा खेल हुआ है. ठेकेदार और इंजीनियरों की मिलीभगत से खेल किया गया है. खुलासे के पांच माह बाद अब जाकर कार्रवाई हुई है. एक अधीक्षण अभियंता और एक कार्यपालक अभियंता को सस्पेंड किया गया है. पथ निर्माण विभाग ने 16 मई को निलंबन का आदेश जारी किया है. 

पथ निर्माण विभाग द्वारा 16 मई को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि पथ प्रमंडल संख्या- एक गया के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सुशील कुमार वर्तमान में अधीक्षण अभियंता बजट मुख्य अभियंता कार्यालय पथ निर्माण विभाग में पदस्थापित हैं. गया में पदस्थापन अवधि में इन पर गंभीर अनियमितता के आरोप हैं. इनके द्वारा पथ प्रमंडल संख्या-एक गया के अंतर्गत तीन सड़क भिंडस से चमंडी, वजीरगंज से तपोवन एवं सेवतर से जमुआवां पथ के निर्माण कार्य में प्रयुक्त खनिज सामग्री के संबंध में संवेदक राजा कंस्ट्रक्शन के द्वारा द्वितीय दावा राशि के भुगतान की मांग पर बिना जांच पड़ताल किए ही स्वीकृति दी गई। 

पथ निर्माण विभाग ने कहा है कि भिंडस से चमंडी पथ कार्य में प्रयुक्त खनिज सामग्री के संबंध में कंपनी के द्वारा एक्स्ट्रा कैरेज का 2 करोड़ 50 लाख 37000 रू का दावा किया गया. जिसे कार्यपालक अभियंता द्वारा स्वीकृत किया गया . वजीरगंज से तपोवन पथ निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री के एक्स्ट्रा कैरेज का दावा 6 करोड़ 48 लाख 825 हजार रुपए का किया गया. जिसकी स्वीकृति दी गई . सेवतर से जमुआवां पथ निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा एक्स्ट्रा कैरेज के रूप में 5 करोड़ 69 लाख 98 हजार रुपए का दावा किया गया. जिसे स्वीकृति प्रदान की गई .

तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सस्पेंड 

एक्स्ट्रा कैरेज का चालान प्रारंभ में ही संदिग्ध था. जिला खनन पदाधिकारी पाकुड़ ने 8 अगस्त 2024 को उन चालानों का सत्यापन रिपोर्ट दिया, जिसमें बताया गया की 2015 में निर्गत वो सभी चालान उनके कार्यालय से निर्गत नहीं हैं. ऐसे में मामला संदिग्ध होने के बावजूद तत्कालीन कार्यपालक अभियंता सुशील कुमार ने बिना जांच किए ही संवेदक के दावा राशि की भुगतान संबंधी कार्रवाई की, जो उनके संवेदक के साथ मिली भगत कर सरकारी राशि की दुरुपयोग की मंशा परिलक्षित होती है. ऐसे में इनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाती है. निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय अभियंता प्रमुख का कार्यालय होगा .

वर्तमान कार्यपालक अभियंता भी हुए सस्पेंड 

वहीं, वर्तमान कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल-गया रितेश चंद्र सिन्हा को भी निलंबित किया गया है . इन पर भी इन्हीं तीनों सड़क में एक्स्ट्रा कैरेज भुगतान संबंधी मामले को दबाने का आरोप है. पथ निर्माण विभाग की अधिसूचना में कहा गया है कि एक्स्ट्रा कैरेज चालान के सत्यापन से संबंधित 2014-15 में निर्गत पत्रों के संबंध में जिला खनन पदाधिकारी पाकुड़ द्वारा 8 अगस्त 2024 के द्वारा सूचित किया गया था. बताया गया था कि वह पत्र उनके कार्यालय से निर्गत नहीं है. स्पष्ट है कि इस कार्य में संवेदक को किए गए दावा राशि का भुगतान संबंधी कार्रवाई संदिग्ध है. इनके द्वारा भुगतान की गई राशि के संबंध में किसी तरह की कानूनी या राशि वसूली की कार्रवाई नहीं की गई. इतना ही नहीं एक माह बाद अधीक्षण अभियंता गया अंचल से परामर्श मांगा गया. इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया पर गलत सूचना आने पर जब उप मुख्य मंत्री द्वारा जानकारी प्राप्त की गई , तब कार्यपालक अभियंता रीतेश सिन्हा के द्वारा जिन तथ्यों की जानकारी दी गई वह प्रथम दृश्य गलत भुगतान को दबाने का प्रयास प्रतीत होता है.

जानें पूरा मामला.......


बता दें, 1ST Bihar/Jharkhand ने 25 दिसंबर को पूरे मामले का खुलासा किया था. खुलासे के बाद 27 दिसंबर 2024 को पथ प्रमंडल गया के कार्यपालक अभियंता से शो-कॉज पूछा गया था.1ST Bihar/Jharkhand ने 25 दिसंबर 2024 को प्रमाण के साथ खुलासा किया कि पथ निर्माण विभाग के पथ प्रमंडल सं-1 गया में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों-करोड़ का घोटाला हुआ है. आंतरिक खुलासा खुद गया के कार्यपालक अभियंता ने ही कराया, पर दबाकर बैठे रहे. मकसद वसूली करना था. पथ प्रमंडल-1 गया के कार्यपालक अभियंता ने 6 अगस्त 2024 को पत्र सं.1257 के माध्यम से पाकुड़ (झारखंड) के खनन अफसर को पत्र लिखा. जिसमें इनके कार्यालय (खनन कार्यालय पाकुड) से जारी कुल 6 पत्रों को सत्यापित करने को कहा. पत्र सं-312/M,06.04.2015, 370/M 24.04.2015, 408/M 14.05.15, 379/M 02.05.2015, 398/M 13.05.2015 एवं 13.05.2015 DATE 13.05.2015 (सभी पत्र 2015 के हैं) को सत्यापित करने को कहा. पाकुड के खनन कार्यालय से सत्यापित करने को कहा गया कि यह चिट्ठी आपके कार्यालय से जारी हुआ है या नहीं ? पथ प्रमंडल गया के कार्यपालक अभियंता ने बजाप्ता अपने एक सहायक अभियंता निशांत राज को इस काम के लिए प्राधिकृत किया था.  


 पाकुड के खनन अधिकारी ने 8 अगस्त 2024 को ही दिया था जवाब


पथ प्रमंडल-1 गया के कार्यपालक अभियंता के पत्र संख्या 1257 के आलोक में जिला खनन पदाधिकारी पाकुड़ (झारखंड) ने 8 अगस्त 2024 को जवाब भेजा। जिसमें जानकारी दी गई है कि उपरोक्त सभी पत्र कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल -1 गया को निर्गत नहीं है। पाकुड के खनन पदाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि जिस 6 पत्रों के बारे में उल्लेख किया गया है, वह उनके कार्यालय से जारी नहीं है, यानि उपरोक्त सभी पत्र फर्जी हैं।

Extra कैरेज कॉस्ट के रूप में करोड़ों का हुआ भुगतान 


बता दें, आरोप है कि फर्जी पत्र लगवाकर पथ प्रमंडल-1 गया ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को करोड़ों रु (extra कैरेज कॉस्ट) का भुगतान किया है। E.E. गया और पाकुड़ के खनन अफसर के बीच हुए पत्राचार का दोनों पत्र हमारे पास  मेरे पास है। पूरा मामला  Extra कैरेज कॉस्ट का भुगतान का है. झारखंड के पाकुड खनन कार्यालय का फर्जी पत्र लगाकर 2015-16 में करोड़ों का भुगतान लेने की बात है. सड़क निर्माण में लगने वाले पत्थर को झारखंड से लाने का फर्जी पत्र स्वीकार कर पथ प्रमंडल गया के कार्यपालक अभियंताओं ने निर्माण कंपनी को Extra कैरेज कॉस्ट का भुगतान किया