सनातन जोड़ो यात्रा के तीसरे चरण में उमड़ा जनसैलाब, राजकुमार चौबे बोले..बक्सर बन सकता है अयोध्या-काशी से भी आगे

बक्सर में विश्वामित्र सेना द्वारा सनातन जोड़ो यात्रा का तीसरा चरण भव्य रूप से सम्पन्न हुआ। सैकड़ों बाइक और गाड़ियों के साथ निकली इस यात्रा में जनसैलाब उमड़ा और नेनुआं में आयोजित जनसभा में राजकुमार चौबे ने बक्सर के विकास पर जोर दिया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 15 Sep 2025 09:30:48 PM IST

बिहार

“सनातन जोड़ो यात्रा - फ़ोटो सोशल मीडिया

BUXAR: सैकड़ों बाइक और गाड़ियों के साथ सनातन जोड़ो यात्रा के तीसरे चरण का भव्य आयोजन नेनुआं में किया गया। इस दौरान जनसैलाब उमड़ा। इस मौके पर राजकुमार चौबे ने कहा कि यदि बक्सरवासी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो जाएं तो बक्सर को अयोध्या और काशी से भी अधिक विकसित बना देंगे।


विश्वामित्र सेना द्वारा “सनातन जोड़ो यात्रा” के तृतीय चरण का आयोजन रविवार, 14 सितम्बर को बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ किया गया। इस यात्रा में संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं के साथ-साथ बक्सर के जनमानस ने भारी संख्या में सहभागिता करते हुए अपनी आस्था और समर्थन का प्रदर्शन किया।


विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे खुद इस यात्रा में शामिल हुए और पूरे मार्ग में उपस्थित रहकर कार्यकर्ताओं और जनता का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने नेनुआं में आयोजित जनसभा को संबोधित किया, जहाँ जनसैलाब उमड़ पड़ा। अपने ओजस्वी उद्बोधन में उन्होंने कहा कि विश्वामित्र सेना की यह लड़ाई समय की आवश्यकता है, और यदि बक्सरवासी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो जाएँ तो बक्सर को अयोध्या और काशी से भी अधिक विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता।


यात्रा की शुरुआत सुबह 10:30 बजे प्रधान कार्यालय (कार्यालय संख्या-11, लख नारायणपुर, लख अदफा, मठिला) से हुई। वहीं 3:00 बजे नेनुआं में स्वागत समारोह सह जनसभा का आयोजन किया गया। संध्या 4:30 बजे यात्रा पुनः सभास्थल से सम्हार, बनकट, के०सी० कॉलेज, डुमरांव ब्लॉक, डुमरांव स्टेशन, पुराना भोजपुर होते हुए फोरलेन मार्ग से कार्यालय लौटकर सम्पन्न हुई। तृतीय चरण की यह यात्रा अपने आप में अद्वितीय रही। पूर्व के दोनों चरणों की सफलता के पश्चात इस बार भी यात्रा में विशेष ऊर्जा और जोश का संचार देखने को मिला। बक्सर की धरती ने एक बार फिर सनातन संस्कृति और परंपरा के प्रति अपनी गहन आस्था तथा संगठन की लड़ाई में अपना अटूट समर्थन प्रदर्शित किया।