1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Thu, 08 May 2025 02:15:06 PM IST
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Bihar News: बिहार में नेता-अधिकारियों में शह-मात का खेल चल रहा है. एक जिले के जिला परिषद अध्यक्षा ने पहले उप विकास आयुक्त के खिलाफ शिकायत की, फिर पत्र देकर कहा,अब कोई शिकायत नहीं है. सरकार के पास जांच रिपोर्ट पहुंचती, इसके पहले ही जिला परिषद अध्यक्षा ने ''अब कोई शिकायत नहीं है'', का पत्र भेज दिया. जिप अध्यक्षा की चिट्ठी के बाद आरोप संपुष्ट नहीं होने की जांच रिपोर्ट भी आ गई. इस आधार पर जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी के खिलाफ आरोप संबंधी फाइल संचिकास्त कर दी गई।
जिला परिषद अध्यक्षा ने शपथ पत्र देकर कहा था- आरोप सही
सामान्य प्रशासन विभाग ने बक्सर के उप विकास आयुक्त डॉ. महेन्द्र पाल के खिलाफ फाइल को संचिकास्त कर दिया है. विभाग ने 5 मई को यह आदेश जारी किया है. बक्सर के उप विकास आयुक्त के खिलाफ बक्सर जिला परिषद की अध्यक्षा सरोज देवी ने मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग से शिकायत की थी. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा परिवादी जिला परिषद अध्यक्षा सरोज देवी से शपथ पत्र और मुख्य सचिव को भेजे गए शिकायत पत्र की मांग की गई । बक्सर जिला परिषद अध्यक्षा सरोज देवी ने शपथ पत्र भी दिया,जिसमें आरोप को सही बताया गया.
सरकार तक रिपोर्ट जाने से पहले ही शिकायतकर्ता पलट गईं और चिट्ठी लिख दी
इस आलोक में 10 मार्च 2025 को सामान्य प्रशासन विभाग ने जिलाधिकारी बक्सर से जिला परिषद अध्यक्षा की शिकायत पर जांच करने को कहा. डीएम ने अपर समाहर्ता से जांच कराई. जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट 29 मार्च 2025 को तैयार कर जिलाधिकारी को सौंप दिया. इसके बाद बक्सर के जिलाधिकारी ने उक्त जांच रिपोर्ट को 12 अप्रैल 2025 को सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध कराया. जिसमें आरोप संपुष्ट नहीं होने का जिक्र किया गया.
जिला परिषद अध्यक्षा ने कहा- अब कोई शिकायत नहीं
सरकार को जांच रिपोर्ट मिलने से पहले ही 9 अप्रैल 2025 को जिला परिषद अध्यक्षा सरोज देवी का पत्र विभाग को मिला. जिसमें कहा गया था कि सही तथ्यों की जानकारी होने के बाद डॉ. महेन्द्र पाल उप विकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपलाक पदाधिकारी जिला परिषद बक्सर के खिलाफ अब कोई शिकायत नहीं है. यानि जिला परिषद अध्यक्षा अपने आरोप से पीछे हट गईं और पत्र देकर सामान्य प्रशासन विभाग से कहा कि अब कोई शिकायत नहीं है. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने आरोप संबंधी फाइल को संचिकास्त करने का निर्णय लिया है.