Bihar Politics: ‘लोगों को बेवकूफ बनाकर वोट लेने आ रहे हैं’ राहुल गांधी के बिहार दौरे पर प्रशांत किशोर का हमला Bihar Politics: ‘लोगों को बेवकूफ बनाकर वोट लेने आ रहे हैं’ राहुल गांधी के बिहार दौरे पर प्रशांत किशोर का हमला दरभंगा में पुरानी कमला नदी पर 26.26 करोड़ की लागत से बनेगा गेटेड वीयर: सम्राट चौधरी मुंगेर के तारापुर में लगेगी 29.88 करोड़ की शिव प्रतिमा, बनेगा आधुनिक पार्क: सम्राट चौधरी Patna News: पटना के गांधी मैदान में आम लोगों की एंट्री हुई बैन, सरकार ने जारी किया आदेश; जानिए.. Patna News: पटना के गांधी मैदान में आम लोगों की एंट्री हुई बैन, सरकार ने जारी किया आदेश; जानिए.. Bihar Crime News: बिहार में पान का जर्दा नहीं देने पर दुकानदार की हत्या, कोर्ट ने दो दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा एक स्कूल ऐसा भी: बिहार के इस विद्यालय में होता है टेंट में पढ़ाई, भीषण गर्मी और बारिश में बच्चों को होती है भारी परेशानी Bihar Crime News: अवैध हथियार निर्माण के खिलाफ पुलिस कि बड़ी कार्रवाई, 6 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा Bihar Crime News: अवैध हथियार निर्माण के खिलाफ पुलिस कि बड़ी कार्रवाई, 6 मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 31 Jul 2025 07:47:35 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
Bihar News: आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Unit - EOU) ने बिहार के भोजपुर जिले के नारायणपुर गांव में बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। छापेमारी के दौरान चार सिम बॉक्स बरामद किए गए और एक आरोपी मुकेश को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह अवैध फोन एक्सचेंज के माध्यम से विदेशी इंटरनेट कॉल्स (VOIP) को लोकल GSM कॉल्स में बदलकर पूरे देश में साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था।
EOU की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इन सिम बॉक्स के जरिए हर दिन हजारों कॉल किए जा रहे थे, जिससे दूरसंचार विभाग को करोड़ों रुपये की राजस्व क्षति हो रही थी। बताया जा रहा है कि इन कॉल्स को ट्रेस करना बेहद मुश्किल होता है, जिससे अपराधियों को पहचान से बचने में आसानी होती है। छापेमारी का नेतृत्व DSP पंकज कुमार के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने किया।
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले ईओयू ने सुपौल जिले में भी ऐसे ही एक नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए आधा दर्जन से अधिक सिम बॉक्स बरामद किए थे। दोनों मामलों में कई समानताएं सामने आई हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि बिहार के अलग-अलग जिलों में इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट सक्रिय हैं।
जांच के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि कुछ कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) संचालक गांव-गांव जाकर फर्जी सरकारी योजनाओं में लाभार्थी बनाने के नाम पर कैंप लगाते थे। इन कैंपों में आम जनता का बायोमेट्रिक डाटा जुटाया जाता था। इसके बाद इन डाटा का उपयोग दूरसंचार कंपनियों के रजिस्टर्ड डिस्ट्रीब्यूटरों और रिटेलरों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए किया जाता था। यही सिम कार्ड आगे जाकर साइबर ठगी और अवैध कॉल ट्रांसफर के लिए सिम बॉक्स में लगाए जाते थे।
ईओयू ने जब्त सिम बॉक्स और अन्य डिजिटल साक्ष्यों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है, साथ ही यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हैं। इस पूरे मामले में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर फैले साइबर नेटवर्क की भूमिका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।