Ara News: बड़हरा से अयोध्या के लिए तीर्थ यात्रा का शुभारंभ, श्रद्धालुओं के जत्था को समाजसेवी अजय सिंह की मां ने किया रवाना

Ara News: भोजपुर के बड़हरा से अयोध्या तीर्थ यात्रा की शुरुआत समाजसेवी अजय सिंह की मां द्वारा झंडी दिखाकर की गई। यह नि:शुल्क यात्रा हर सप्ताह दो बसों से संचालित होगी, जिसका उद्देश्य ग्रामीणों को प्रभु श्रीराम के दर्शन कराना है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Wed, 16 Jul 2025 02:01:25 PM IST

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- फ़ोटो reporter

Ara News: भोजपुर के बड़हरा क्षेत्र में आज एक विशेष और भावनात्मक क्षण देखने को मिला जब प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था पूरे भक्ति भाव और उत्साह के साथ रवाना हुआ। यह पहल न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।


इस विशेष यात्रा की शुरुआत एक अत्यंत भावुक दृश्य के साथ हुई, जब स्थानीय नेता अजय सिंह की माता ने श्रद्धालुओं से भरी पहली बस को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर गांव के सैकड़ों लोग उपस्थित थे, जिन्होंने पूरे उल्लास और भक्ति भाव से तीर्थयात्रियों को विदा किया, साथ ही समाजसेवी अजय सिंह ने एक टीम को भी रवाना किया जिसका काम तीर्थ यात्रियों की देख भाल करना हैl


पहले जत्थे में 70 श्रद्धालु शामिल हुए हैं, जो प्रभु श्रीराम के चरणों में शीश नवाने और अयोध्या में रामलला के दर्शन हेतु निकले हैं। यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं की आंखों में भावुकता और चेहरे पर भक्ति की आभा स्पष्ट रूप से झलक रही थी।


इस तीर्थ यात्रा के तहत प्रत्येक सप्ताह बड़हरा से अयोध्या के लिए दो बसें चलाई जाएंगी। आयोजकों का लक्ष्य है कि आने वाले महीनों में बड़हरा क्षेत्र के कम से कम 5,000 श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन कर सकें। यह यात्रा समाज के उन वर्गों तक भी पहुंचाने का प्रयास है, जो अब तक संसाधनों के अभाव में तीर्थ यात्रा से वंचित रह जाते थे।


स्थानीय समाजसेवियों और आयोजकों ने इस यात्रा को श्रद्धालुओं के लिए पूर्णतः नि:शुल्क रखा है, जिसमें यात्रा, भोजन एवं दर्शन की समुचित व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि यात्रा को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए एक समर्पित टीम निरंतर निगरानी रखेगी।


बड़हरा क्षेत्र में इस पहल को लेकर भारी उत्साह है, और अनेकों ग्रामवासी पहले ही आगामी यात्राओं में सम्मिलित होने की इच्छा जता चुके हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक चेतना को जागृत करेगी, बल्कि गांव-गांव में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार भी करेगी।