Bihar Crime News: AK-47 बरामदगी मामले में गोपालगंज कोर्ट का फैसला, कुख्यात अपराधी मुन्ना मिश्रा को 10 साल की सजा Train News: लंबे इंतजार के बाद फिर से इस रूट पर दौड़ने लगी यह ट्रेन; जानिए रेलवे ने कब बदला अपना पुराना फैसला Bihar Crime News: पत्नी के अवैध संबंध का पति करता था विरोध, सुबह आई खबर तो सबके उड़ गए होश, बहन लगा रही यह आरोप CM Nitish Pragati Yatra: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस जिले के लिए 13 बड़ी घोषणाएं की, एक-एक का नाम जानें.... Bihar News: गर्ल्स हॉस्टल में पीजी की छात्रा ने उठाया खौफनाक कदम, पुलिस और FSL टीम जांच में जुटी ANANT SINGH : अनंत सिंह फायरिंग मामले में गैंगस्टर मोनू के घर पर पुलिस ने चिपकाया नोटिस, ढोल-नगाड़ों के साथ पहुंची; पत्नी ने किया यह काम BIHAR NEWS : बिहार में अनोखी शादी, दारोगा दुल्हन ने हाथी पर सवार होकर किया मटकोर; देखिए तस्वीरें Bihar Cabinet: आज शाम होगी नीतीश कैबिनेट की बैठक, इन एजेंडों पर लग सकती है मुहर Bihar Politics : 'क्यों राजनीति ने नहीं आ सकते CM नीतीश कुमार के बेटे निशांत ...', बोले BJP प्रदेश अध्यक्ष ... नीतीश कुमार एक महान पिता रेंजर का अजब-गजब खेल..! लकड़ी तस्कर को बचाने के लिए पार की सारी सीमाएं, थानेदार ने रेंजर को पत्र लिखकर खोल दी पोल
13-Feb-2025 12:42 PM
भागलपुर जिले के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। मेगा फूड पार्क का सपना जहां अभी अधूरा है, वहीं अब बागवानी विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए नई योजनाएं शुरू करने की तैयारी कर ली है। आम, लीची और केला के बेहतर विपणन और संरक्षण के लिए आम के लिए तीन और लीची व केला के लिए एक-एक पैक हाउस बनाने का प्रस्ताव मुख्यालय को भेजा गया है। इसके अलावा फलों और सब्जियों की बर्बादी रोकने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की भी योजना बनाई जा रही है।
इससे किसान अपने फलों और सब्जियों का अचार, जैम और अन्य उत्पाद तैयार कर उसका समुचित उपयोग कर सकेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। 9000 हेक्टेयर में आम, 2000 हेक्टेयर में केला और 900 हेक्टेयर में लीची की बागवानी कृषि क्षेत्र में भागलपुर फल उत्पादन का बड़ा केंद्र है, लेकिन अब तक इसका समुचित विपणन और संरक्षण नहीं हो सका है। वर्तमान में 9000 हेक्टेयर में आम की बागवानी, 2000 हेक्टेयर में केला उत्पादन तथा 900 हेक्टेयर में लीची की खेती की जा रही है।
पैक हाउस तथा प्रसंस्करण इकाइयों की कमी के कारण किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। 40 प्रतिशत फल व सब्जियां बर्बाद हो जाती हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है। इस स्थिति को सुधारने के लिए एकीकृत पैक हाउस बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। उद्यान विभाग ने कृषि मंत्रालय से सब्सिडी राशि में वृद्धि की मांग की है। अभी तक 35 प्रतिशत सब्सिडी मिलने के कारण निवेशक अधिक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यदि सब्सिडी राशि बढ़ाई जाती है, तो आम, लीची व केला की बेहतर पैकेजिंग व विपणन से किसानों को काफी लाभ होगा। इसके अलावा किसानों को पैकेजिंग सामग्री भी सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराने का सुझाव दिया गया है, ताकि फलों के विपणन में एकरूपता लाई जा सके।
भागलपुर जिले का दियारा क्षेत्र खरबूजे और तरबूज की खेती के लिए अनुकूल माना जाता है। यहां की मिट्टी और मौसम इन फसलों के उत्पादन के लिए बेहद उपयुक्त है। किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों पर सब्सिडी देने की योजना तैयार की गई है। परवल जैसी लता वाली सब्जियों की खेती को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इससे किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। भागलपुर क्षेत्र में कृषि और बागवानी का जबरदस्त उत्पादन होता है, लेकिन विपणन और प्रसंस्करण सुविधाओं की कमी के कारण किसानों को उचित लाभ नहीं मिल पाता है। आम, लीची और केला का बड़े पैमाने पर उत्पादन होने के बावजूद किसानों को सही कीमत नहीं मिल पाती है। टमाटर, परवल, फूलगोभी, भिंडी, बैगन, पत्तागोभी जैसी सब्जियों का भी बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है। मक्का, चावल और गेहूं की फसल भी बड़े पैमाने पर उगाई जाती है, लेकिन उनका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है।
अगर भागलपुर में फलों और सब्जियों का प्रसंस्करण किया जाए तो किसानों को काफी फायदा हो सकता है। भागलपुर में कृषि उत्पादन के आंकड़े इस प्रकार हैं: आम - 80,320 मीट्रिक टन प्रति वर्ष, लीची - 5,615 मीट्रिक टन प्रति वर्ष, केला - 51,120 मीट्रिक टन प्रति वर्ष, धान - 1,60,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष, मक्का - 1,10,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष, गेहूं - 58,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष, आलू - 1,60,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष, टमाटर - 50,000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष। अगर इन सभी उत्पादों का प्रसंस्करण किया जाए तो किसानों की आय में काफी वृद्धि हो सकती है।
अगर इस क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जाती है तो भागलपुर पूरे पूर्वी भारत में सबसे बड़ा फल और सब्जी उत्पादक क्षेत्र बन सकता है। सरकार की योजना से किसानों को काफी फायदा होगा, नई पैक हाउस सुविधाओं से फलों और सब्जियों की बर्बादी रुकेगी। बढ़ी हुई सब्सिडी निवेशकों को आकर्षित करेगी। खरबूजा और तरबूज की खेती से किसानों की आय दोगुनी होगी। खाद्य प्रसंस्करण इकाई से उत्पादों का सही मूल्य मिलेगा। भागलपुर के किसानों के लिए यह योजना वरदान साबित हो सकती है! सरकार जल्द ही इस पर बड़ा फैसला ले सकती है