1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 22 Aug 2025 08:46:13 AM IST
बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE
BHAGALPUR: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान भागलपुर में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां पाकिस्तान से आई दो महिलाओं के नाम पर मतदाता पहचान पत्र जारी हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की जांच में यह जानकारी सामने आई, जिसके बाद प्रशासन और पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है।
गृह मंत्रालय की जांच में खुलासा
गृह मंत्रालय ने अवैध रूप से वीजा की अवधि पूरी कर भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए जांच शुरू की थी। इस दौरान भागलपुर जिले में तीन पाकिस्तानी नागरिकों के मौजूद होने की पुष्टि हुई। इनमें से दो महिलाएं इशाकचक थाना क्षेत्र के भीखनपुर गुमटी नंबर 3, टैंक लेन इलाके में रह रही हैं। जब इस रिपोर्ट पर पुलिस मुख्यालय ने भागलपुर एसएसपी से जांच कराई, तो यह भी सामने आया कि इन दोनों महिलाओं के नाम पर न सिर्फ वोटर लिस्ट में नाम दर्ज हैं, बल्कि उन्हें मतदाता पहचान पत्र (EPIC) भी जारी कर दिए गए हैं।
स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट से मचा हड़कंप
स्पेशल ब्रांच ने इस पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी, जिसके बाद तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। स्पेशल ब्रांच के एसपी ने भागलपुर के डीएम और एसएसपी को जांच और सत्यापन कर विस्तृत रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि दोनों पाकिस्तानी महिलाओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, ताकि चुनाव से पहले इस गड़बड़ी को ठीक किया जा सके।
1956 में भारत आई थीं दोनों महिलाएं
जांच रिपोर्ट के मुताबिक, टैंक लेन में रह रही इमराना खानम उर्फ इमराना खातून (पिता इबतुल हसन) और फिरदौसिया खानम (पति मोहम्मद तफजील अहमद) के नाम से मतदाता पहचान पत्र बनाए गए हैं। प्रशासन के पास दोनों का EPIC नंबर भी दर्ज है। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि रंगपुर, पाकिस्तान की निवासी फिरदौसिया 19 जनवरी 1956 को तीन महीने के वीजा पर भारत आई थी, जबकि इमराना तीन साल के वीजा पर आई थी। समय-समय पर वीजा की वैधता खत्म होने के बावजूद वे यहीं रह गईं।
एक और पाकिस्तानी नागरिक का भी नाम आया सामने
इसी जांच में तीसरे पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद असलम का नाम भी सामने आया है। असलम 24 मई 2002 को दो साल के वीजा पर भारत आया था, लेकिन वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी यहीं रह गया। हैरानी की बात यह है कि उसने आधार कार्ड भी बनवा लिया है।
प्रशासन की कार्रवाई
प्रशासन अब इस मामले की गहन जांच कर रहा है। डीएम और एसएसपी को निर्देश दिए गए हैं कि इस मामले की तह तक जाकर यह पता लगाया जाए कि इन विदेशी नागरिकों को वोटर लिस्ट में शामिल करने में किन अधिकारियों या कर्मचारियों की लापरवाही रही। साथ ही, सभी विदेशी नागरिकों की जानकारी गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी, ताकि उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा सके।