1st Bihar Published by: HARERAM DAS Updated Sun, 07 Dec 2025 02:53:52 PM IST
टिक्की हटाने से सरकार भी हटेगा - फ़ोटो REPORTER
BEGUSARAI: बिहार में इन दिनों अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। हर दिन किसी ना किसी जिले में बुलडोजर की गूंज सुनाई पड़ रही है। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रखे लोगों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। इसी क्रम में बेगूसराय के लोहिया नगर गुमटी के पास झोपड़ियों और दुकानों पर बुलडोजर चलाया गया। इस दौरान एक बीजेपी समर्थक मीडिया के कैमरे के सामने पहुंच गया और खुद को नरेन्द्र मोदी, नीतीश कुमार और गिरिराज सिंह का भक्त बताते हुए अपने सिर की लंबी चोटी काट ली। वही कुत्ते क भगवा गमछा पहना दिया।
कुंदन महतो का कहना था कि उसके चाय की दुकान पर बुलडोजर चला दिया गया। इस दुकान से उसके पूरे परिवार का भरण पोषण होता था। इस दौरान घर भी ढाह दिया गया। पूरे परिवार के साथ वह आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। बुलडोजर की कार्रवाई से आहत कुंदन महतो ने गले में पहने भगवा गमछा को वहां मौजूद कुत्ते को पहना दिया और अपने सिर की चोटी को काटकर एनडीए सरकार के खिलाफ विरोध जताया। यह पूरा वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे देखकर हर कोई हैरान है।
घर पर बुलडोज़र चलने से नाराज़ युवक ने कैमरे के सामने अपनी चोटी काट ली। कहा कि मैं मोदी और गिरिराज सिंह का भक्त था, लेकिन अब ऐसी ‘टिकी वाली’ सरकार नहीं चाहिए। मैं बीजेपी के फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को अपना आदर्श मानता था। मोदी–नीतीश का समर्थक था, लेकिन बिना नोटिस मेरे घर और चाय दुकान पर बुलडोज़र चलाया गया। सरकार के इस कार्रवाई ने दिल तोड़ दिया है। अब इस सरकार के लिए मेरे दिल में जरा भी सम्मान नहीं बचा है। मेरा घर ले लिये है टिक्की भी ले लीजिये, गुस्सा में हम अपना टिक्की काट लिये है।
कुंदन ने मीडिया के कैमरे के सामने कहा कि केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की चोटी को देखकर उसने भी 10 साल से चोटी रखा है। लेकिन जब उसका घर और चाय दुकान जेसीबी से तोड़ दिया गया तो सरकार से भरोसा उठ गया। जब घर ही नहीं बचा तो चोटी रखकर क्या करूंगा? इसी बात से नाराज होकर उसने मौके पर ही अपनी चोटी काट ली और सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। कुंदन महतो आगे कहता है कि टिक्की हिन्दू धर्म की शान है। टिक्की मेरा शान था लेकिन अब इससे ऊबिया गया हूं, मुझे अब यह सरकार और टिक्की पसंद नहीं है। यह केसरिया गमछा भी पसंद नहीं है।
इतना बढिया मेरा घर था उसे बुलडोजर से ढा दिया गया। इस सरकार ने मेरा घर तोड़ दिया। अब 2029 में इस सरकार को हम बतायेगे। बुलडोजर वाली कार्रवाई का हम जवाब 2029 और 2030 के इलेक्शन में देंगे। टिक्की वाला सरकार से हम थक चुके हैं। टिक्की घर और सरकार मेरा शान था। जब घर ही नहीं रहा तो टिक्की रखकर हम क्या करेंगे। हमको टिक्की वाला सरकार से नफरत है। गिरिराज सिंह, नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार से मैं नफरत करता हूं। टिक्की हटाने से सरकार भी हटेगा। ये टिक्की पर ही सरकार चल रहा है। कुंदन महतो ने कहा कि हम यहां सदियों से रह रहे थे, मेरे दादा और परदादा यहां रहते थे। मेरा चाय का दुकान यही था। एक दुकान से परिवार के पचास सदस्यों का भरण पोषण चलता था। जिस पर बुलडोजर चला दिया गया।