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Bihar school headmaster : नेपाल हिंसा को भारत से जोड़ना पड़ा भारी, सरकारी स्कूल के हेडमास्टर को शिक्षा विभाग ने कर दिया निलंबित

Bihar school headmaster : बिहार के अररिया जिले में प्राथमिक विद्यालय काचमोह के हेडमास्टर राजेश कुमार यादव को नेपाल हिंसा को भारत से जोड़ते हुए देश विरोधी बयान देने पर शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया। डीएम अनिल कुमार के निर्देश पर डीईओ ने कार्रवाई की।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 23 Sep 2025 04:29:48 PM IST

बिहार शिक्षा विभाग

बिहार शिक्षा विभाग - फ़ोटो FILE PHOTO

Bihar school headmaster : बिहार के शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। अररिया जिले के एक सरकारी स्कूल के हेडमास्टर को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में देश विरोधी बयान देने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। नेपाल में हाल ही में हुई हिंसा को भारत से जोड़ते हुए दिए गए इस विवादित बयान ने विभागीय स्तर पर हलचल मचा दी। जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया और शिक्षा विभाग ने डीएम के निर्देश पर हेडमास्टर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की।


अररिया सदर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय काचमोह में पदस्थापित हेडमास्टर राजेश कुमार यादव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में उन्हें नेपाल में भड़की हिंसा को भारत से जोड़ते हुए आपत्तिजनक और देश विरोधी टिप्पणी करते हुए देखा गया। वीडियो सामने आते ही आम लोगों में आक्रोश फैल गया और शिकायतें जिला प्रशासन तक पहुंचीं।


शिकायत मिलने के बाद अररिया के जिलाधिकारी अनिल कुमार ने तत्काल संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा इस प्रकार के विचार रखना और सार्वजनिक मंच पर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना गंभीर अपराध है। यह न केवल सरकारी सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है बल्कि समाज में गलत संदेश भी फैलाता है। डीएम ने शिक्षा विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए तुरंत कार्रवाई करने को कहा।



डीएम के निर्देश के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) संजय कुमार ने पूरे मामले की जांच की। उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि वायरल वीडियो में हेडमास्टर राजेश कुमार यादव नेपाल हिंसा को भारत से जोड़ते हुए देश विरोधी बयान देते दिख रहे हैं। यह कृत्य न केवल शिक्षक की गरिमा और मर्यादा के विपरीत है बल्कि विभागीय नियमों के भी खिलाफ है। इसे मनमाना और अनुशासनहीन आचरण मानते हुए, बिहार सरकारी सेवक (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियमावली 2005 की धाराओं के तहत उन्हें निलंबित कर दिया गया।


निलंबन की अवधि के दौरान उनका मुख्यालय प्रखंड संसाधन केंद्र, सिकटी निर्धारित किया गया है। इसका मतलब है कि इस अवधि में वे स्कूल से जुड़े कार्यों में भाग नहीं लेंगे और प्रशासनिक नियंत्रण पूरी तरह से शिक्षा विभाग के हाथों में रहेगा।


डीईओ संजय कुमार ने कहा कि शिक्षक समाज के लिए आदर्श होते हैं और उनका आचरण विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत माना जाता है। ऐसे में किसी शिक्षक द्वारा देश विरोधी टिप्पणी करना न केवल उनकी पेशेवर जिम्मेदारी के खिलाफ है बल्कि बच्चों और समाज पर गलत प्रभाव भी डालता है। इसलिए इस मामले में शिक्षा विभाग ने कठोर रुख अपनाते हुए तत्काल निलंबन का आदेश जारी किया।


हालांकि हेडमास्टर राजेश कुमार यादव के निलंबन के बाद मामले की विभागीय जांच भी जारी रहेगी। जांच में यह देखा जाएगा कि बयान की प्रकृति कितनी गंभीर है और क्या उनके खिलाफ आगे सेवा से बर्खास्तगी जैसी बड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। फिलहाल प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसी भी सरकारी सेवक द्वारा इस तरह के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


अररिया के जिलाधिकारी अनिल कुमार ने कहा कि एक शिक्षक का यह कृत्य बेहद निंदनीय है। सरकारी सेवा में रहते हुए ऐसे विचार रखना देशहित के खिलाफ है और इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार और प्रशासन ऐसे मामलों में शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाएगा।