Bihar News: बिहार के इन जिलों से गुजरेगी 110km लंबी नई रेलवे लाइन, बनेंगे 15 नए स्टेशन

Bihar News: बिहार में अररिया से गलगलिया तक 110 किमी नई रेल लाइन का ट्रायल रन रहा सफल। 15 स्टेशनों वाली यह शानदार परियोजना पूर्वोत्तर बिहार को उत्तर बंगाल से जोड़ेगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 24 Jun 2025 12:11:52 PM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार के रेलवे नेटवर्क को और मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अररिया से गलगलिया तक 110 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का सफल ट्रायल रन अब पूरा कर लिया है। यह परियोजना न केवल बिहार के पूर्वोत्तर हिस्सों को उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत से जोड़ेगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान देगी।


सोमवार को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक (निर्माण) अरुण कुमार चौधरी ने ठाकुरगंज स्टेशन से इस ट्रायल रन की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने रेलवे स्टेशनों की सुविधाओं, ट्रैक की गुणवत्ता, सिग्नलिंग सिस्टम और सुरक्षा व्यवस्था का बारीकी से निरीक्षण किया। ट्रायल ट्रेन ने पूरे रेलखंड पर तेज गति से दौड़कर तकनीकी दक्षता का शानदार प्रदर्शन किया है।


इस रेल लाइन के शुरू होने की खबर ने अररिया, कटिहार, पूर्णिया और आसपास के इलाकों में खुशी की लहर दौड़ा दी है। गलगलिया स्टेशन पर स्थानीय लोगों ने महाप्रबंधक का जोरदार स्वागत किया है। अररिया से भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने इस मौके पर कहा है कि “यह रेल लाइन लाखों लोगों के लिए एक बड़ी सौगात है। विधानसभा चुनाव से पहले इस रूट पर यात्री ट्रेनें शुरू हो जाएंगी, जिससे क्षेत्र में कनेक्टिविटी और समृद्धि बढ़ेगी।”


15 स्टेशन, 2132 करोड़ की लागत

बता दें कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना में 15 रेलवे स्टेशन और 1 हाल्ट स्टेशन बनाए गए हैं। प्रमुख स्टेशनों में गलगलिया, ठाकुरगंज, कुर्साकाटा, बीबीगंज, टेढ़ागाछ, पौआखाली और अररिया कोर्ट शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट को 2004-05 में ही मंजूरी मिली थी और 2006 में तत्कालीन सांसद मु. तस्लीमुद्दीन और रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने ठाकुरगंज में इसका शिलान्यास किया था। लेकिन फिर यह ठप्प पड़ गया, निर्माण कार्य में तेजी 2019 से आई है।


जानकारी के मुताबिक इस रेल लाइन की कुल लागत 2132 करोड़ रुपये है। जिसमें 1632 एकड़ जमीन का अधिग्रहण भी शामिल है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी बल्कि व्यापार, परिवहन और सामाजिक-आर्थिक विकास को भी नई ऊंचाइयों पर भी ले जाएगी।