UP Police: 27 साल से घरवालों संग होली नहीं मना सके ये पुलिसकर्मी, सुनिए पुलिसवालों का दर्द ROAD ACCIDENT IN BIHAR : मातम में बदला होली की ख़ुशी, सड़क हादसे में दो की मौत; पूर्व मंत्री के घर पसरा सन्नाटा Holi 2025: होली के दौरान आंखों में अबीर पड़ने पर हो सकती है एलर्जी, त्वचा संबंधी परेशानी से इस तरह करें बचाव Bihar Election: पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह किस पार्टी में होंगी शामिल? खुद किया खुलासा Bihar News : 'सिर मुड़ाते ही ओले पड़े', शादी के बाद 6 महीने की प्रेगनेंट निकली दुल्हन, अब दूल्हे के साथ रिश्ता तोड़ने के नाम पर हो रहा यह खेल UPDATE MOBILE NUMBER IN DL : वाहन मालिक हो जाएं सावधान! DL में इस डेट तक कर लें मोबाइल नंबर अपडेट, नहीं तो देना होगा इतना जुर्माना Bihar News : 'तेरे इश्क में पागल हो गया...', भाभी की मीठी-मीठी बातों पर आया देवर का दिल, अब दोनों मिलकर कर दिया बड़ा कांड INDIAN RAILWAY : अयोध्या से जनकपुर तक सीधी ट्रेन सेवा जल्द, रेल से जुड़ेंगे श्री राम और माता सीता के तीर्थ Holi Special trains : होली के बाद काम पर लौटना होगा आसान, यहां देखें रेलवे के स्पेशल ट्रेनों की लिस्ट PM Internship Scheme : युवाओं को बड़ा तोहफा, PM Internship Scheme लास्ट डेट बढ़ी, अब इस डेट तक कर सकते हैं अप्लाई;
05-Feb-2025 06:30 AM
Shamshan Ghat Mystery: सनातन धर्म में जीवन के 16 संस्कारों का विशेष महत्व है, जिनमें से अंतिम संस्कार (अंत्येष्टि) सबसे अंतिम और महत्वपूर्ण संस्कार है। व्यक्ति की मृत्यु के बाद हिंदू धर्म में विधि-विधान से दाह संस्कार किया जाता है। इस प्रक्रिया में शव को श्मशान घाट ले जाया जाता है, लेकिन महिलाओं का श्मशान घाट पर जाना वर्जित माना गया है। इसके पीछे कई धार्मिक, सामाजिक, और मनोवैज्ञानिक कारण बताए गए हैं। गरुड़ पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि महिलाओं का श्मशान घाट पर जाना क्यों मना है।
1. महिलाओं की संवेदनशीलता
गरुड़ पुराण के अनुसार, महिलाएं स्वभाव से अधिक संवेदनशील मानी जाती हैं। किसी प्रियजन की मृत्यु के समय उनका मनोबल कमजोर हो सकता है। श्मशान घाट का माहौल अत्यधिक भावुक और पीड़ादायक होता है, जो महिलाओं पर गहरा मानसिक प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में उन्हें श्मशान घाट जाने से बचाने का प्रावधान है, ताकि वे इस मानसिक आघात से सुरक्षित रह सकें।
2. बुरी शक्तियों का प्रभाव
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्मशान घाट को बुरी आत्माओं और शक्तियों का स्थान माना जाता है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि श्मशान घाट में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक होता है। शोकग्रस्त महिलाएं भावनात्मक रूप से कमजोर होने के कारण इन बुरी शक्तियों का शिकार हो सकती हैं। इसलिए, उन्हें श्मशान घाट जाने से रोका जाता है।
3. घर की देखभाल और आत्मा का निवास
गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद व्यक्ति की आत्मा कुछ समय तक अपने घर के आसपास ही रहती है। ऐसे में घर की रक्षा और देखभाल करना आवश्यक होता है। चूंकि पुरुष शव लेकर श्मशान घाट जाते हैं, इसलिए महिलाओं को घर पर रहकर वातावरण को शुद्ध और सुरक्षित बनाए रखने का दायित्व सौंपा जाता है।
4. मुंडन की अनिवार्यता
श्मशान घाट में शव का अंतिम संस्कार करने के बाद, पुरुषों को मुंडन कराना अनिवार्य होता है। लेकिन महिलाओं और लड़कियों का मुंडन कराना अशुभ माना गया है। यह भी एक प्रमुख कारण है कि महिलाओं को श्मशान घाट जाने की अनुमति नहीं दी जाती।
5. सामाजिक परंपराएं और रीति-रिवाज
हिंदू समाज में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित करने वाले माहौल से बचाना है। हालांकि, यह परंपरा समय और परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग समुदायों में भिन्न हो सकती है।
महिलाओं का श्मशान घाट पर न जाने का प्रावधान गरुड़ पुराण और सामाजिक परंपराओं में गहराई से निहित है। इसका उद्देश्य महिलाओं को मानसिक और शारीरिक कष्ट से बचाना, घर की देखभाल सुनिश्चित करना और नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से दूर रखना है। हालांकि, आधुनिक समय में इन परंपराओं पर प्रश्न भी उठते हैं, और कई परिवार इन मान्यताओं का पालन करने या न करने का निर्णय परिस्थितियों के आधार पर लेते हैं।