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30-Aug-2025 12:22 PM
By First Bihar
Pitru Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने का विशेष समय माना गया है। यह 15 दिनों की अवधि होती है, जब पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान किए जाते हैं। मान्यता है कि इस दौरान मृत परिजनों की आत्मा अपने परिवार से मिलने धरती पर आती है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने घर और व्यवहार से उन्हें आदर दें और ऐसी कोई चीज़ न करें जो उन्हें अप्रिय लगे।
पितृ पक्ष के दौरान घर का वातावरण साफ़-सुथरा, शांत और पवित्र होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पितरों की आत्मा उसी घर में आती है जहां सकारात्मकता और शुद्धता होती है। इस अवधि में कुछ विशेष वस्तुएं ऐसी होती हैं जिन्हें घर में नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं और पितरों की कृपा में बाधा बनती हैं।
पितृ पक्ष में घर से हटाएं ये चीजें
टूटे-फूटे बर्तन
ऐसे बर्तन जो टूट गए हैं या अब उपयोग में नहीं आते, उन्हें पितृ पक्ष शुरू होने से पहले ही घर से हटा दें। ये बर्तन दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं। साथ ही, पितरों की कृपा भी इनकी उपस्थिति में नहीं मिलती।
खंडित मूर्तियां और टूटी तस्वीरें
देवी-देवताओं की टूटी या खंडित मूर्तियां और फटी-पुरानी तस्वीरें घर में रखना अशुभ माना जाता है। विशेष रूप से पितृ पक्ष में इनका घर में होना पितरों को अप्रसन्न कर सकता है। इन्हें किसी पवित्र नदी में विसर्जित कर देना चाहिए।
जंग लगे और बेकार की वस्तुएं
कबाड़, रद्दी, टूटे फर्नीचर या बेकार मशीनें घर में न रखें। ये वस्तुएं घर में नकारात्मकता और बाधाएं लाती हैं और पितरों के आगमन के समय घर की पवित्रता को भंग करती हैं।
बंद और खराब घड़ियां
ऐसी घड़ियां जो चल नहीं रही हैं या सालों से बंद पड़ी हैं, उन्हें घर में रखना जीवन की गति को रोकता है। पितृ पक्ष में ऐसी घड़ियों को या तो सही करवा लें या फिर हटा दें। विशेष रूप से, बंद घड़ियों को दीवार पर टांगना वर्जित है।
क्या करें पितरों की कृपा पाने के लिए?
घर को रोजाना साफ रखें, खासकर पूजा स्थान को।
रोज पितरों के नाम पर दीपक जलाएं और तर्पण करें।
जरूरतमंदों को दान दें, विशेष रूप से भोजन और वस्त्र।
घर में पवित्र ध्वनि जैसे शंख, घंटी, या मंत्रोच्चार करे।
अपने मन, वाणी और आचरण को शांत और सकारात्मक बनाए रखें।
पितृ पक्ष केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का समय है। अगर इन 15 दिनों में कुछ साधारण बातों का ध्यान रखा जाए, तो घर में सुख-शांति और पितरों की कृपा बनी रहती है। जो व्यक्ति इन बातों की अनदेखी करते हैं, उन्हें जीवन में बाधाएं और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है।