Bihar Assembly Election 2025 : पहले चरण की 121 सीटों पर मैदान में 1314 उम्मीदवार, तेजस्वी यादव और NDA के दिग्गजों की होगी अग्निपरीक्षा Bihar political strategy : MY समीकरण से आगे निकले तेजस्वी ! अब 'K' कार्ड से बदलेगी महागठबंधन की किस्मत; जानिए RJD को कितना फायदा देगा यह नया समीकरण बड़हरा विधानसभा में रामबाबू सिंह का जनसंपर्क अभियान, बबुरा में दुखद मृत्यु पर जताई संवेदना Bihar News: बिहार में मिट्टी लाने गई 3 मासूमों की डूबने से मौत, गांव में पसरा मातम Bihar Assembly Election 2025 : नीतीश कुमार आज मुज़फ्फरपुर से शुरू करेंगे चुनावी प्रचार, एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा Bihar News: दीपावली की खुशियों में मातम: अररिया में करंट से पिता-पुत्र की मौत, लोगों ने जमकर किया हंगामा Bihar politics : अल्लावरु कांग्रेस की डुबो रहे लुटिया ! बिहार में अपनों से ही कर रहे दगाबाजी,जानिए विधानसभा चुनाव को लेकर अंदरखाने क्या चल रही चर्चा Bihar Election 2025 : चुनाव बाद डिप्टी सीएम पद पर लोजपा (रामविलास ) करेगी दावेदारी ! बिहार चुनाव पर LJP (R) सुप्रीमो का बड़ा बयान Bihar Election 2025: तेजस्वी पर चिराग का बड़ा हमला, कहा - जब खुद के गठबंधन को नहीं रख सकते सुरक्षित तो बिहार कैसे ? राहुल से भी पूछे यह सवाल Body Detox: दिवाली के बाद ऐसे बाहर निकालें पेट की सारी गंदगी, शरीर को डिटॉक्स करने में ये तरीके सबसे कारगर
25-Aug-2025 03:47 PM
By First Bihar
Hartalika Teej 2025: भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला हरतालिका तीज व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं तथा अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से गौरी-शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वैवाहिक जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं।
हालांकि, हरतालिका तीज का व्रत कठिन माना जाता है क्योंकि इसमें सूर्योदय से अगले दिन सूर्योदय तक निर्जला व्रत रखा जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाएं इस व्रत को न रखने की सलाह दी जाती है, क्योंकि निर्जला व्रत उनके स्वास्थ्य और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। लेकिन वे इस दिन शिव-पार्वती की पूजा कर सकती हैं। इसी प्रकार, जो महिलाएं किसी बीमारी या शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं, उन्हें भी इस व्रत को रखने से बचना चाहिए। वे व्रत न रखकर भी श्रद्धा से पूजा कर सकती हैं।
बुजुर्ग महिलाएं, जिनकी शारीरिक क्षमता कम हो, उन्हें भी इस कठिन व्रत को छोड़कर फलाहार व्रत रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से भी उन्हें आध्यात्मिक लाभ मिलता है। कुंवारी कन्याएं भी हरतालिका तीज का व्रत रख सकती हैं, लेकिन उन्हें निर्जला व्रत रखने की आवश्यकता नहीं होती; वे फलाहार व्रत रखकर पूजा कर सकती हैं।
मासिक धर्म की स्थिति में भी महिलाएं तीज का व्रत रख सकती हैं, लेकिन इस दौरान पूजा-पाठ करने से परहेज करना चाहिए। इस स्थिति में व्रत के नियमों का पालन करते हुए व्रत करना शुभ माना जाता है।
हरतालिका तीज का व्रत आध्यात्मिक और पारिवारिक सौभाग्य के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका पालन स्वास्थ्य की दृष्टि से संतुलित तरीके से करना चाहिए। अगर शारीरिक स्थिति ठीक न हो, तो व्रत की जगह पूजा-पाठ और फलाहार व्रत भी उतना ही फलदायक होता है। इसलिए महिलाएं अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए ही इस व्रत का पालन करें ताकि वे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकें और अपने वैवाहिक जीवन को खुशहाल बना सकें।