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18-Sep-2025 05:27 PM
By First Bihar
PATNA: ये हैरान कर देने वाली खबर है। देश की ऐसी कंपनियां जो खुद भारी घाटे में चल रहीं हैं, वे प्रशांत किशोर को करोड़ों का चंदा दे रही है। BJP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने आज वैसी कंपनियों की लिस्ट जारी की है। जायसवाल ने प्रशांत किशोर को लालू यादव से भी बड़ा घोटालेबाज करार देते हुए चुनौती दी है कि वे उनके आरोपों का जवाब दें। इसके बाद अब इस मामले में प्रशांत किशोर ने पलटवार किया है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जो फड़फड़ा रहा है उसे फड़फड़ाने दीजिए। कल हम प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं और उसमें चौथा क़िस्त जारी होगा और यह सब धराशायी होकर गिर जाएंगे एक बार में। इससे पहले भाजपा के सांसद संजय जायसवाल ने यह दावा किया कि देश की कुछ जानी-मानी कंपनियाँ जो खुद भारी घाटे में चल रही हैं, वे प्रशांत किशोर को करोड़ों रुपये का चंदा दे रही हैं। जायसवाल ने इन कंपनियों की सूची सार्वजनिक की और प्रशांत किशोर को नेता लालू प्रसाद यादव से भी बड़ा घोटालेबाज करार देते हुए उन्हें सार्वजनिक रूप से जवाब देने की चुनौती दी।
जायसवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह चंदा पारदर्शिता के बिल्कुल विपरीत है और ऐसे लोगों के साथ मिलकर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है जो अपने राजनीतिक असर के लिए बाहरी फंडिंग पर निर्भर रहते हैं। उन्होंने कहा, “जो कंपनियाँ खुद घाटे में हैं, उनसे इतने बड़े दान की व्याख्या जनता के लिए आवश्यक है — यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि नैतिक सवाल भी है।”
जायसवाल के खुलासे के बाद प्रशांत किशोर ने पलटवार किया। किशोर ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे उन आलोचकों की बेबुनियाद आवाजों को गंभीरता से नहीं लेते जो 'फड़फड़ा' रहे हैं। उन्होंने ट्विटर एवं समर्थक चैनलों के माध्यम से कहा कि कल वे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे जिसमें चौथा क़िस्त जारी होगा और इस पूरे मामले की सच्चाई उजागर कर दी जाएगी। किशोर ने कहा, “यह सब एक बार में धराशायी होकर गिर जाएगा।”
यह आरोप उस समय उठे हैं जब राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है और कई दल सक्रिय रूप से आगामी चुनावी रणनीतियाँ बना रहे हैं। प्रशांत किशोर, जो चुनावी रणनीतिकार और सलाहकार के रूप में विख्यात हैं, अक्सर विपक्ष और अलग-अलग दलों के साथ जुड़ कर रणनीति तैयार करने के लिए जाने जाते रहे हैं। उनके काम ने बार-बार चुनावी नतीजों को प्रभावित किया है, इसलिए उन पर लगाए गए वित्तीय आरोप राजनीति में बड़े भूचाल का कारण बन सकते हैं।
संजय जायसवाल ने अपनी सूची और दावों के समर्थन में कुछ प्रारंभिक दस्तावेज और नाम सार्वजनिक किए, जबकि प्रशांत किशोर ने अपने अगले कदम का संकेत दिया है। कहा जा रहा है कि किशोर प्रेस कॉन्फ्रेंस में और डेटा और सबूत पेश करेंगे—जिससे सवालों के जवाब स्पष्ट होने की संभावना है।
इधर, इन आरोपों के सार्वजनिक होते ही सोशल मीडिया और स्थानीय सियासी हलकों में हलचल बढ़ गई है। विपक्षी दलों ने भी इस मामले को लेकर टिप्पणी करना शुरू कर दिया है कुछ ने जांच की मांग की है तो कुछ ने इसे राजनीतिक हमला करार दिया है। आम जनता और व्यापारिक वर्ग के प्रतिनिधि फिलहाल तथ्यों का इंतजार कर रहे हैं।