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23-Jul-2025 03:09 PM
By Ganesh Samrat
Bihar Assembly Monsoon session: विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे स्पेशल वोटर लिस्ट रिविजन को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है। बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में इसको लेकर विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। विपक्षी दलों के साथ साथ सरकार में शामिल दलों के नेता भी पार्टी लाइन से अलग हटकर एसआईआर के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।
दरअसल, मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्ष ने सड़क से लेकर सदन तक मोर्चा खोल रखा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार और चुनाव आयोग की मिलीभगत से बड़ी साजिश रची जा रही है और गरीब और एक खास जाति समुदाय के लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे जा रहे हैं ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी दल इसका लाभ उठा सके और विपक्ष को इसका खामियाजा भुगतना पड़े। विपक्ष के विरोध के बीच अब सत्ताधारी जेडीयू के विधायक विपक्ष से समर्थन में उतर गए हैं।
प्रवासी मजदूरों का नाम काटना गलत
विधानसभा पहुंचे जेडीयू विधायक डॉ. संजीव ने कहा है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में जो मजदूर तबके के लोग हैं उनका नाम वोटर लिस्ट से कटा है, जो बेहद दुखद है। जिनकी मृत्यु हो गई है उनका नाम हटाना तो वाजिब है लेकिन गरीब और मजदूरों का नाम काटना पूरी तरह से गलत है। ऐसे लोगों को ऑनलाइन अप्लाई करने नहीं आता है। बड़ी संख्या में लोग दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।
एसआईआर के समय पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि अगर यही काम गर्मी की छुट्टी में शुरू कराया गया होता तो, बहुत से ऐसे मतदाता हैं जो गर्मियों की छुट्टी में अपने घर आते हैं। उस वक्त इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करा लिया जाता। अब तो समय ही नहीं है, बाहर से लोग दीपावली और छठ पूजा में घर आएंगे। इसको होली के समय से ही शुरू करना चाहिए था, जब अधिकांश वोटर अपने घऱ पर मिलते। जो घुसपैठिए हैं उनका नाम काटा जा रहा है तो अच्छा है, वो यहां से जाएं जिन्होंने गलत तरीके से वोटर कार्ड और आधार कार्ड बनवा लिया है।
एनडीए के वोट बैंक पर भी पड़ेगा बड़ा असर
जेडीयू विधायक ने कहा कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों को लेकर चिंतित हैं। मेरे विधानसभा क्षेत्र में बहुत से लोग छूट रहे हैं। इसका मुझे दुख है, उन्हें किसी तरह से जोड़ा जाए। इससे एनडीए के वोट बैंक पर भी चुनाव में बड़ा असर पड़ेगा, लोग समय की मांग कर रहे हैं लेकिन अब समय कहां है। यहां पक्ष विपक्ष की बात नहीं है बल्कि वोटर्स के अधिकार की बात है। इसके लिए और थोड़ा समय दिया जाए तो ठीक रहेगा, खासकर प्रवासी मजदूरों के लिए और समय दिया जाए। विधानसभा में मौका ही नहीं मिला नहीं तो इस बात को सदन के भीतर रखते। एनडीए के अंदर तो अपनी बात रख ही रहे हैं।
पाकिस्तानी-बांग्लादेशी का नाम हटाना सही
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी, बांग्लादेसी लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा रहा है वह अच्छी बात है। जिन लोगों का निधन हो चुका है उनका नाम काटा जा रहा है तो वह भी ठीक है लेकिन जो लोग मजबूरी में बिहार से बाहर जाकर काम कर रहे हैं, उनका वोटर लिस्ट से भी नाम हटा दिया जाए तो इससे दुखद बात कोई नहीं हो सकती है।
फर्स्ट बिहार के लिए पटना से गणेश सम्राट की रिपोर्ट..