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21-Jan-2025 03:48 PM
By First Bihar
patna news: बिहार विधानमंडल में पीठासीन अधिकारियों का 85 वां सम्मेलन 20 और 21 जनवरी को आयोजित किया गया। जिसका आज समापन हो गया। इस सम्मेलन में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश, बिहार विधान परिषद् के सभापति अवधेश नारायण सिंह, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नन्द किशोर यादव, बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बिहार विधान परिषद् के उप सभापति प्रो.(डॉ.) रामवचन राय, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष नरेन्द्र नारायण यादव एवं अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।
1921 से लेकर आज तक पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलनों को देश के विभिन्न हिस्सों में आयोजित करने की परंपरा रही है। इन सम्मेलनों में विधायिका की स्वायत्तता, वित्तीय प्रबंधन, समिति प्रणाली, सदन और सदस्यों के विशेषाधिकार, सदन में अनुशासन और गरिमा, सदन के कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी सहित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श किया गया और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
प्राचीन शहर पटना में यह सम्मलेन तीसरी बार आयोजित हो रहा है। इससे पहले 19 तारीख को सम्मेलन के उद्घाटन के पूर्व विधानमंडलों के सचिवों की बैठक हुई। 'संविधान की 75वीं वर्षगांठ: संवैधानिक मूल्यों को सशक्त करने में संसद और राज्य विधायी निकायों का योगदान।' इस विषय पर दो दिन चली चर्चा में 41 पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया। दो दिन तक चले इस सम्मेलन में देश भर से 23 विधान मंडलों के 41 पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया।
सम्मेलन में अंगीकार किये गए संकल्प
संकल्प 1
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन ने भारतीय संविधान निर्माताओं को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। भारत की जनता और देश के प्रति उनके महान योगदान की सराहना की। यह संविधान, जन भागीदारी पर आधारित शासकीय व्यवस्था का पवित्र दस्तावेज है, जिसमें लोकतांत्रिक मूल्य और सामूहिक जन कल्याण की भावनाएं निहित हैं।
संकल्प 2
भारत के संविधान के अंगीकरण की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन ने सामूहिक रूप से भारतीय संविधान के प्रति अपनी संपूर्ण आस्था व्यक्त की तथा संकल्प लिया कि संविधान में निहित मूल्यों और आदर्शों के अनुरूप अपने अपने सदनों का कार्य संचालन करेंगे।
संकल्प 3
भारतीय विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारियों ने पुन: सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि विधायी संस्थाओं में बाधारहित व्यवस्थित चर्चा एवं परिचर्चा को सुनिश्चित करेंगे, ताकि विधायी एवं नीतिगत मुद्दों पर जनहित में श्रेष्ठ संवाद का वातावरण बन सके।
संकल्प 4
भारतीय विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारियों ने संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर इसके मूल्यों को समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचाने का संकल्प लिया। इसके अंतर्गत पंचायती राज व्यवस्था, शहरी निकायों, सहकारी संस्थाओं, शिक्षण संस्थाओं एवं समाज के विभिन्न वर्गों तक संवैधानिक मूल्यों को योजनाबद्ध तरीके से पहुंचाने का अभियान व कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया, जिससे संवैधानिक मूल्यों की जड़े और गहरी व स्थायी हों और जन सहभागिता पर आधारित यह शासकीय व्यवस्था देश में और सुदृढ़ व मजबूत बने।
संकल्प 5
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित डिजिटल टेक्नॉलाजी अपनाने की प्रतिबद्धता दोहरायी, जिससे विधायी संस्थाएं भारतवासियों को अत्यंत प्रभावी और श्रेष्ठ रूप से अपनी सेवाएं दे सकें।