ब्रेकिंग न्यूज़

रोहतास में भीषण सड़क हादसा: दो बाइकों की आमने-सामने टक्कर में 4 युवकों की दर्दनाक मौत विजिलेंस का ताबड़तोड़ एक्शन: पटना में भ्रष्ट आपूर्ति पदाधिकारी गिरफ्तार, निगरानी ने 10 हजार रुपये घूस लेते दबोचा सहरसा में ट्रैक्टर चालक से दिनदहाड़े एक लाख की छिनतई, चाकू के बल पर बदमाशों ने घटना को दिया अंजाम ट्रेनिंग के दौरान कैसे IAS-IPS अफसरों में हो जाता है प्यार, क्यों बढ़ रही है आपसी शादियों की संख्या अरवल में आंगनबाड़ी सहायिका की रेप के बाद पीट-पीटकर हत्या, इलाके में सनसनी Bihar Sand Scam: पटना में जब्त बालू का बड़ा खेल...EOU की जांच के बाद बिक्रम थाने में लाईसेंसधारियों के खिलाफ केस दर्ज Bihar Ips Officer: बिहार के 5 IPS अफसरों को मिला नया जिम्मा...आने वाले कुछ दिनों तक प्रतिस्थानी के तौर पर करेंगे काम BIHAR: अब 24 घंटे में बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस, परिवहन मंत्री श्रवण कमार ने एजेंसी को दिये सख्त निर्देश सुपौल के लाल मोहम्मद इजहार ने रचा इतिहास, जिले का नाम किया रोशन, मुंबई इंडियंस ने 30 लाख में खरीदा वैशाली में मानव तस्करी और देह व्यापार का खुलासा, दो बहनों का रेस्क्यू, 5 गिरफ्तार

दोहरे EPIC मामले में विजय सिन्हा की सफाई: दो बार वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आवेदन दे चुका हूं, ओछी राजनीति न करें तेजस्वी

बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने दोहरे वोटर आईडी विवाद पर सफाई दी, दस्तावेज पेश कर पटना से नाम हटाने के लिए आवेदन देने का दावा किया, तेजस्वी यादव ने भी दी प्रतिक्रिया।

Bihar Politics

10-Aug-2025 12:52 PM

By FIRST BIHAR

Patna: बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने दोहरे EPIC (मतदाता पहचान पत्र) मामले में अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि उन्होंने जानबूझकर दो जगहों से वोटर आईडी कार्ड EPIC नहीं बनवाया बल्कि चुनाव आयोग की तकनीकी देरी के कारण उनका नाम दो विधानसभा क्षेत्रों में शामिल हुआ. 


विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि पहले उनका नाम पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में पूरे परिवार के साथ दर्ज था। अप्रैल 2024 में उन्होंने लखीसराय में अपना नाम जोड़ने के लिए आवेदन किया और उसी समय पटना की वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए भी ऑनलाइन आवेदन कर दिया था। लेकिन, किसी कारणवश चुनाव आयोग ने पटना से उनका नाम नहीं हटाया।


उन्होंने कहा कि SIR के दौरान जब चुनाव आयोग ने ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की, तब उन्हें पता चला कि उनका नाम दो जगहों पर दर्ज है। इसके बाद उन्होंने 5 अगस्त को बीएलओ को आवेदन देकर पटना की वोटर लिस्ट से नाम हटाने का अनुरोध किया।


उम्र पर भी दी प्रतिक्रिया

दोनों वोटर लिस्ट में उम्र के अंतर के सवाल पर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि उनकी आयु उनके प्रमाण पत्र के अनुसार सही है। उन्होंने दस्तावेज भी पेश किए, जिनमें 30 अप्रैल 2024 को पटना से नाम हटाने का ऑनलाइन आवेदन और 5 अगस्त को बीएलओ को दिए गए आवेदन की रसीद शामिल थी।


बता दें कि बिहार में चुनाव आयोग के वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) के बाद एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे हैं। RJD नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नाम पर दो मतदाता पहचान पत्र (EPIC) होने के आरोप के बीच अब डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा का नाम भी ऐसे ही विवाद में आ गया है।


ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के मुताबिक, विजय कुमार सिन्हा का नाउनकीम न सिर्फ लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में दर्ज है, बल्कि पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में भी उनका नाम वोटर सूची में मौजूद है। दोनों क्षेत्रों में उनके नाम पर अलग–अलग EPIC कार्ड जारी हैं।


लखीसराय और बांकीपुर में नाम चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, लखीसराय में विजय कुमार सिन्हा का EPIC नंबर IAF3939337 है। यहां उनकी उम्र 57 वर्ष दर्ज है और मतदान केंद्र संख्या 231 (उपभोक्ता फोरम कार्यालय) के बूथ क्रम संख्या 274 पर उनका नाम मौजूद है। वहीं पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र में उनका EPIC नंबर AFS0853341 है, जिसमें उम्र 60 वर्ष दर्ज है। इस क्षेत्र में उनका मतदान केंद्र आयुर्वेदिक कॉलेज कदमकुंआ (दक्षिण विंग) का बूथवी 405 है, जहां क्रम संख्या 757 पर उनका नाम दर्ज है। सिन्हा ने यह भी दस्तावेज मीडिया को दिखाए, जिसमें यह दर्ज है कि उन्होंने 30 अप्रैल 2024 को ही पटना से नाम हटवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था।


सियासी घमासान

तेजस्वी यादव पहले ही इस मामले को लेकर विजय कुमार सिन्हा पर निशाना साध साध चुके हैं और इसे SIR प्रक्रिया का फर्जीवाड़ा बताया है। अब डिप्टी सीएहै6म के जवाब के बाद भी सियासी बयानबाज़ी थमने के आसार नहीं हैं। गौरतलब है कि भारत के कानून के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के नाम पर दो EPIC कार्ड अलग–अलग निर्वाचन क्षेत्रों में हैं, तो यह धारा 31 के तहत अपराध है। इसके लिए एक साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। हालांकि, ऐसे मामलों में कार्रवाई चुनाव आयोग के निर्देश पर ही होती है।