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14-Oct-2025 12:01 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Politics: एनडीए में सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। जेडीयू में उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी में घमासान बढ़ता दिख रहा है। भागलपुर के जेडीयू सांसद अजय मंडल ने टिकट बंटवारे में मनमानी का आरोप लगाते हुए सांसद पद से इस्तीफा देने की चेतावनी दी है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपने इस्तीफा देने के लिए इजाजत मांगा है।
जेडीयू सांसद अजय मंडल ने लिखा, “श्री नीतीश कुमार जी, सादर प्रणाम, आपके आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन से मैं विगत लगभग 20-25 वर्षों से भागलपुर क्षेत्र में विधायक एवं सांसद के रूप में जनता की सेवा करता आ रहा हूँ। इस लंबे राजनीतिक जीवन में मैंने जनता दल (यू०) को अपने परिवार की तरह समझते हुए इसके संगठन, कार्यकर्ताओं और जनसंपर्क को सुदृढ़ करने का काम किया है। भागलपुर एवं नवगछिया जिले में जिला अध्यक्ष, प्रभारी और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर हमेशा पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करता रहा हूँ।
परंतु विगत कुछ माह से संगठन में ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जो पार्टी और उसके भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण की प्रक्रिया में स्थानीय सांसद होने के बावजूद मुझसे कोई सलाह या चर्चा नहीं की जा रही है। जिन व्यक्तियों ने कभी पार्टी संगठन के लिएकार्य नहीं किया, उन्हें टिकट देने की बात सामने आ रही है, जबकि जिला अध्यक्ष एवं स्थानीय नेतृत्व की राय को पूरी तरह अनदेखा किया जा रहा है।
महोदय, जब मैं 2019 में सांसद बना था उस समय पूरे बिहार में विधानसभा उपचुनाव जनता दल (यू०) जितने भी सीटों पर लड़ा था तब पूरे बिहार में केवल मेरा ही सीट मेरे नेतृत्व में विधानसभा उपचुनाव जीत सुनिश्चित हुआ था। यह जनता दल (यू०) के प्रति मेरी निष्ठा और जनता के विश्वास का प्रतीक है। आज जब पार्टी के कुछ लोग मेरे ही लोकसभा क्षेत्र में टिकट बाँटने का काम कर रहे हैं और संगठन की अनदेखी कर रहे हैं, तब यह स्थिति अत्यंत दुखद है।
मुझे आपसे मिलने तक नहीं दिया जा रहा है, न ही मेरी राय को सुना जा रहा है। ऐसे में मेरे लिए यह समझना कठिन हो रहा है कि जब संगठन में समर्पित कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेतृत्व की राय का कोई महत्व नहीं रह गया है, तो मैं अपने आत्मसम्मान और पार्टी के भविष्य की चिंता करते हुए सांसद पद पर बने रहने का क्या औचित्य है।
मेरा उद्देश्य किसी प्रकार की नाराजगी या विरोध नहीं है, बल्कि पार्टी और आपके नेतृत्व को भविष्य में किसी हानि से बचाना है। अगर इसी तरह बाहरी या निष्क्रिय लोगों को प्राथमिकता दी जाती रही तो पार्टी की जड़ें कमजोर होंगी और इसका सीधा असर माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व पर पड़ेगा, जो हम सभी के लिए चिंता का विषय है। इसलिए, आत्मसम्मान और संगठन के प्रति सच्ची निष्ठा के साथ मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूँ कि मुझे अपने सांसद पद से त्यागपत्र देने की अनुमति प्रदान करें।