ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR NEWS : बिहार में इस दिन होगी दीपावली की सरकारी छुट्टी, नीतीश सरकार का बड़ा फैसला BIHAR ELECTION : सीट बंटवारे को लेकर NDA ने बुलाई बैठक, चिराग- मांझी और कुशवाहा के शामिल होने पर संशय; फिर कैसे बनेगी बात ? Reserve Bank of India: इस बैंक को RBI ने किया बंद, क्या आपका भी है अकाउंट तो जान लें पूरी खबर? Bihar Election 2025: प्रधान और तावड़े से नहीं माने चिराग, क्या शाह की कॉल से मानेंगे मोदी के हनुमान Bihar Sand Mining: तीन महीने की बंदी के बाद फिर खुलेगा बालू खनन का रास्ता, जानें कब से गूंजेगी मशीनों की आवाज! PAWAN SINGH : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ी पवन सिंह की सुरक्षा, मिली Y प्लस सुरक्षा, बीजेपी इस सीट से लड़ा सकती है चुनाव Bihar Election 2025: बिहार के अंदर इस मामले में भी तेजस्वी से आगे नीकली NDA, इस जगह भी महागठबंधन नहीं दे पा रहा टक्कर Special Vigilance Unit raid : SVU की बड़ी कार्रवाई विद्युत कार्यपालक अभियंता के ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति की जांच Bihar Jobs 2025: बिहार में युवाओं के लिए बड़ा मौका, इन पोस्ट पर होगी बहाली; जानिए कैसे भरें फॉर्म और क्या है योग्यता Bihar Politics: 'बिहार चुनाव में पुरे होंगे सपने ...,' रामविलास की बरसी पर बोले चिराग पासवान ...जो जिम्मेदारी उनके कंधों पर सौंपी उसे निभाना हमारा लक्ष्य

वेदव्यास की जयंती पर बोले मुकेश सहनी, आज के दौर में बच्चों को पढ़ाना बेहद जरूरी

वेदव्यास की जयंती पर बोले मुकेश सहनी, आज के दौर में बच्चों को पढ़ाना बेहद जरूरी

13-Jul-2022 07:39 PM

AURANGABAD: गुरु पूर्णिमा के मौके पर औरंगाबाद के भगवान वेदव्यास आश्रम में एक समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शामिल  विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के दौर में बच्चों को पढ़ाना बहुत जरूरी है। यदि वह अच्छी तालिम हासिल करेगा तो अच्छी नौकरी मिलेगी। जिससे जीवन स्तर में सुधार होगा। 


'सन ऑफ मल्लाह' के नाम से चर्चित सहनी ने औरंगाबाद  के बारुण में भगवान वेदव्यास आश्रम में गुरु पूर्णिमा की शुभ अवसर पर भगवान वेदव्यास की जयंती सह पूजा समारोह में सम्मिलित हुए तथा समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा अभिभावकों से बच्चो को शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया और  गुरु की भूमिका कुम्हार से की।


गुरु की महिमा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गुरु के प्रति श्रद्धा, नम्रता, विनय और आदर के बिना हममें धर्म-भाव पनप ही नहीं सकता। यह एक महत्वपूर्ण बात है कि जिन देशों में गुरु और शिष्य में इस प्रकार का संबंध विद्यमान है, केवल वहीं असाधारण आध्यात्मिक पुरुष उत्पन्न हुए हैं, और जिन देशों में इस प्रकार गुरु-शिष्य संबंधों की उपेक्षा हुई है, वहां धर्मगुरु एक वक्ता मात्र रह गया है।


उन्होंने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि प्राचीन काल से शिक्षा और गुरु का अपना स्थान है। शिक्षा के लिए एक गुरु आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गुरु की भूमिका भारत में केवल आध्यात्म या धार्मिकता तक ही सीमित नहीं रही है, देश पर राजनीतिक विपदा आने पर गुरु ने देश को उचित सलाह देकर विपदा से उबारा भी है।  अनादिकाल से गुरु ने शिष्य का हर क्षेत्र में व्यापक एवं समग्रता से मार्गदर्शन किया है। अतः सद्गुरु की ऐसी महिमा के कारण उसका व्यक्तित्व माता-पिता से भी ऊपर है।