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07-Feb-2023 01:28 PM
By First Bihar
PATNA: उपेंद्र कुशवाहा को लेकर जेडीयू में बयानबाजियों का दौर थमता नहीं दिख रहा है। पार्टी नेतृत्व के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ रहे उपेंद्र कुशवाहा अब अपनी ही पार्टी में बेगाने हो गए हैं। कुशवाहा के यह कहने पर कि जनता दल यूनाइटेड नीतीश कुमार की पार्टी नहीं है बल्कि शरद यादव की पार्टी है, इसपर जेडीयू ने कुशवाहा पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा बकवास करते रहें उनको कोई नोटिस नहीं लेने जा रहा है। उन्होंने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को राजनीति का कोई ज्ञान नहीं है और वे सबसे बड़े महत्वाकांक्षी व्यक्ति हैं। अगर नैतिकता बची है तो झुनझुना फेंक क्यों नहीं देते हैं। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले समय में उपेंद्र कुशवाहा का बुरा हश्र होने वाला है, सूर्य पर थूक फेकेंगे तो उल्टा उनपर ही गिरेगा।
जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पूछा है कि जेडीयू नीतीश कुमार की पार्टी नहीं है तो क्या उनकी पार्टी है। नीतीश कुमार ने जेडीयू को सिंचा है और उनके संघर्ष की पार्टी है। उपेंद्र कुशवाहा बकवास करते रहें उनको जेडीयू में कोई नोटिस नहीं ले रहा है। उपेंद्र कुशवाहा कहां-कहां नहीं गए लेकिन हर जगह उन्हें निराशा हाथ लगी। उपेंद्र कुशवाहा की बकवास सुनने के लिए किसी के पास समय नहीं है, उनमें जरा सी भी नैतिकता बची है। अगर नैतिकता होती तो उनके शर्म जरूर आती।
उमेश कुशवाहा ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को राजनीति का कोई ज्ञान नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा बहुत बड़े महत्वाकांक्षी व्यक्ति हैं, उनके पास न तो विचार है और ना ही कोई विचारधारा बची है। जिसका कारण है कि वे दूसरे दल के लोगों से साठगांठ कर रहे हैं। वहीं उपेंद्र कुशवाहा के यह कहने पर कि जेडीयू में वे लिखित तौर पर संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं, इसपर जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कुशवाहा को ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। पिछले दिनों पार्टी का चुनाव कराया गया था। अभी तक न तो प्रदेश कमेटि और ना ही राष्ट्रीय कमेटि का गठन किया गया है तो कुशवाहा को दोबारा संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष कैसे बना दिया जाएगा। चुनाव के पहले वे जरूर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष थे लेकिन इस बार उन्हें अभी अध्यक्ष नहीं बनाया गया है।
जिस पद को उपेंद्र कुशवाहा झुनझुना बोल रहे हैं उसके लिए लोग लालायित रहते हैं। बहुत लोग ऐसे हैं जिनकी सारी जिंदगी समाप्त हो जाती है और तब भी माननीय नहीं बन पाते हैं और आज जब उपेंद्र कुशवाहा को एमएलसी बना दिया गया तब कह रहे हैं कि पद की लालसा नहीं है। अगर उनको ऐसा लगता है कि झुनझुना फेंक क्यों नहीं देते हैं। नीतीश कुमार जिसे कुछ दे देते हैं तो उससे वापस नहीं लेते हैं, अगर शर्म बची है तो वे उसे वापस कर दें। नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा के लिए क्या क्या नहीं किया लेकिन आज वे तरह तरह की बात कर रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा जब भी गिड़गिड़ाए मुख्यमंत्री ने उन्हे देने का काम किया लेकिन जब सूर्य पर थूक फेकेंगे तो उल्टा उनपर ही पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति का आज अपना कोई वजूद नहीं है वह नैतिकता की बात कर रहा है। उपेंद्र कुशवाहा किसी तरह के भ्रम में न रहें, उनके साथ पार्टी का कोई सदस्य नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी की मीटिंग बुलाने का कोई अधिकार नहीं है और अगर बैठक बुलाते भी हैं तो उस बैठक में पार्टी का कोई नेता शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कुशवाहा जाति के लोग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ है ना कि उपेंद्र कुशवाहा के साथ कोई है।