Bihar Election 2025: पहले चरण में 121 विधानसभा सीटों पर मतदान कल, इतने बूथों पर होगी वोटिंग; चुनाव आयोग ने किए पुख्ता इंतजाम Bihar Election 2025: बिहार चुनाव बना वैश्विक लोकतंत्र की सीख का केंद्र, इतने देशों के अधिकारी पहुंचे पटना; EVM सेंटर से पोलिंग बूथ तक लेंगे जानकारी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण: 18 जिलों की 121 सीटों पर कल पड़ेगा वोट, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे इतने उम्मीदवारों का फैसला Kartik Purnima 2025: आज है कार्तिक पूर्णिमा, जानिए स्नान-दान और देव दिपावली का महत्व गया जी में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोड शो, डॉ. प्रेम कुमार के समर्थन में मांगा वोट Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां
21-Feb-2023 09:02 AM
By First Bihar
PATNA: बिहार के उपमुख्यमंत्री और उनकी पार्टी राजद को बड़ी राहत मिली है तेजस्वी यादव को कई साल पुराने मामले में जमानत मिली है उनके साथ ही साथ उनकी ही पार्टी के एक और नेता को इस मामले में कोर्ट ने बड़ी राहत दी है।
मिली जानकारी के अनुसार, पटना सिविल कोर्ट ने राजद नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उन्ही के पार्टी के विधायक भाई बीरेंद्र को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने इन दोनो नेताओं को प्रतिबंधित क्षेत्र में भीड़ इक्कठा करने के मामले में यह राहत दी है।
बताया जा रहा है कि, डाकबंगला चौराहा के प्रतिबंधित क्षेत्र में भीड़ इकट्ठा करने और मार्ग अवरुद्ध करने के मामले में सोमवार को उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और विधायक भाई वीरेंद्र एक विशेष अदालत में आत्मसमर्पण किया। जिसके बाद इन दोनों को जमानत पर मुक्त कर दिया गया।
दरअसल, सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत में आत्मसमर्पण करने के साथ ही दोनों की ओर से सत्र अदालत से मिली अग्रिम जमानत की सुविधा की आलोक में जमानत पर मुक्त करने की प्रार्थना की गई थी। जिसके बाद विशेष न्यायालय ने दोनों को 10-10 हजार के निजी मुचलके के साथ उसी राशि के दो जमानतदार का बंधपत्र दाखिल करने पर जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया।
आपको बताते चलें कि, यह मामला वर्ष 2019 में कोतवाली थाना क्षेत्र का है। इन दोनों नेताओं पर आरोप है कि, सीएए और एनआरसी बिल के विरोध में बंद के दौरान डाकबंगला चौराहा के प्रतिबंधित क्षेत्र में मार्ग अवरुद्ध किया और लाउडस्पीकर का दुरुपयोग किया है।